नई दिल्ली। भगोड़े आर्थिक अपराधियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की इस साल 15 मार्च तक 19,111.20 करोड़ रुपये कीमत की संपत्तियां जब्त की गई हैं। यह जानकारी केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में दी।
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि तीनों कारोबारियों ने अपनी कंपनियों के माध्यम से सरकारी बैंकों से गलत तरीके से धन निकालकर धोखाधड़ी की है। इसके कारण सरकारी क्षेत्र के बैंकों को कुल 22585.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 15 मार्च 2022 के अनुसार इनमें से 19111.20 मूल्य की आस्तियां धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत जब्त की गई हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 15,113.91 करोड़ रुपये की आस्तियां सरकारी क्षेत्र के बैंकों को वापस कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ 335.06 करोड़ रुपये मूल्य की आस्तियां जब्त कर भारत सरकार को दे दी गई हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 15 मार्च 2022 के अनुसार इन मामलों में धोखाधड़ी से निकाली गई कुल निधि में से 84.61 प्रतिशत जब्त कर ली गई है और बैंकों को हुए कुल नुकसान का 66.91 प्रतिशत बैंकों को वापस दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के संघ ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें सौंपी गई आस्तियों को बेचकर 7975.27 करोड़ रुपये वसूल कर लिए हैं।
गौरतलब है कि तीनों उद्योगपतियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने बैंकों के समूह को चूना लगाकर सारा पैसा लेकर विदेश भाग गए थे। विजय माल्या लंदन में हैं जबकि मेहुल चौकसी और नीरव मोदी एंटीगुआ की नागरिकता लेकर वहीं बस गए हैं। भारत सरकार ने विदेशी अदालतों में भी इन आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।
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