जम्मू। जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्या से जुड़े मामलों की दोबारा जांच की संभावना जताते हुए कहा कि अगर हमारे पास कोई विशेष मामला और तथ्य आता है तो हम जरूर उस पर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने यह बात पुलिस मुख्यालय परिसर में सीमांत इलाकों में गश्त के लिए पुलिस के मोटरसाइकिल सवार दस्ते को हरी झंडी दिखाए जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में की।
फिल्म द कश्मीर फाइल्स लगातार चर्चा में बनी हुई है। फिल्म में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन को दिखाया गया है। फिल्म की रिलीज के बाद एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों को इंसाफ दिलाने की मांग हो रही है, उन्हें फिर से कश्मीर में उनके घर वापस दिए जाने की मांग उठ रही है। सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट विनीत जिंदल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को पत्र लिखकर 1989-90 के दौरान हुई कश्मीरी पंडितों की हत्याओं से जुड़े सभी मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) बनाने का आग्रह किया है।
इस बीच जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि हमने कभी जांच से इन्कार नहीं किया है। अगर कोई किसी मामले को लेकर आशंकित है, उसके पास कोई विशेष जानकारी और सुबूत हैं तो वह हमारे पास आए, हम उस पर कार्रवाई करेंगे। घाटी में आतंकियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की टार्गेट किलिंग पर पुलिस महानिदेशक ने कहा जब तक कश्मीर में एक भी आतंकी जिंदा है और पाकिस्तान हमारे प्रदेश में आतंकी हिंसा को समर्थन देता रहेगा, यह चुनौती बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि टार्गेट किलिंग कोई नई नहीं है। जबसे आतंकी हिंसा है, हम इस चुनौती का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकी और उनके संरक्षक व समर्थक प्रदेश में हर जगह हैं। जब कभी भी ग्रेनेड हमला होता है या टार्गेट किलिंग होती है, जम्मू कश्मीर पुलिस जल्द ही उसके लिए जिम्मेदार तत्वों को तलाश कर पकड़ लेती है। उन्हें कानून के मुताबिक सजा भी दिलाई जाती है। बड़ी संख्या में पुलिस ने आतंकियों का सफाया किया है।
घुसपैठ संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने सीमांत इलाकों में घुसपैठरोधी तंत्र को पूरी तरह मजबूत बनाया गया है। सेना, सीमा सुरक्षाबल व अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। हम अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर किसी भी आतंकी को भारतीय इलाके में घुसपैठ की इजाजत नहीं देंगे।
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