लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक ओर नई सरकार व मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तैयारियां तेजी पर हैं, वहीं दूसरी ओर एक नई सियासी उठापटक शुरू हो गई है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की गृहमंत्री अमित शाह से कथित मुलाकात के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि सुभासपा फिर से भाजपा से गठबंधन करने जा रही है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी के साथ जाने की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि अमित शाह से उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई है। यही नहीं उन्होंने कहा कि उनकी मुलाकात की तस्वीरें पुरानी हो सकती हैं। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि न चर्चा है न मुलाकात है, सोशल मीडिया पर एक अफवाह फैली है। अभी तो सोशल मीडिया पर मैंने देखा कि 21 तारीख को शपथ ग्रहण है। फिर देखा कि 25 को है। हमारा तो खुद ही 28 तारीख को संयुक्त कार्यक्रम गाजीपुर जहूराबाद में है।
अमित शाह से मुलाकात पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि ये सब गलत सूचनाएं हैं। ये जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं ऐसा कुछ नहीं है। हम लोग जहां हैं वहीं हैं। मुलाकात तस्वीरों पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमारी तो बहुत सी तस्वीरें अमित शाह के साथ हैं। पचासों फोटो मीडिया के पास होंगी। कहीं भी लगाकर वे लोग फिट कर देते हैं। राजभर ने कहा कि हम सपा के साथ हैं और रहेंगे।
वहीं पार्टी प्रवक्ता पीयूष मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा है, ‘सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने की खबर निराधार है, पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ थी, है और रहेगी।’
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़े ओपी राजभर की बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। अटकलें लगाई जाने लगीं कि ओपी राजभर एक बार फिर भाजपा के साथ जाकर योगी सरकार में मंत्री बन सकते हैं। 2017 में उन्होंने भाजपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था और योगी सरकार में मंत्री भी बने थे लेकिन बाद में वह बागी हो गए और हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के अहम गठबंधन साथी रहे।
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