आखिर ऑस्ट्रेलिया से मिजोरम कैसे पहुंच गया कंगारू? पुलिस जांच में जुटी

कोलकाता। कंगारू ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पशु भी है। लेकिन, यही कंगारू अगर आपको भारत में दिख जाए तो क्या कहेंगे? पहले तो आपको इस पर यकीन ही नहीं होगा कि कंगारू और भारत में? लेकिन, इन दिनों कंगारू को लेकर एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। क्योंकि, करीब सात हजार किलोमीटर की यात्रा कर कंगारू भारत कैसे पहुंचा इसकी जानकारी किसी को नहीं मिल पा रही है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

जानकारी के मुताबिक, हाल ही में पश्चिम बंगाल पुलिस ने हैदराबाद के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिन पर आरोप है कि दोनों अवैध रूप से कंगारू को ले जा रहे थे। दोनों ने पुलिस को बताया कि वे कंगारू को इंदौर के एक चिड़ियाघर में भेज रहे थे। लेकिन, इस मामले को लेकर उनके पास ना तो कोई कागजात थे और ना ही सबूत। बताया जा रहा है कि इन दोनों को मिजोरम के प्राइवेट पशु फॉर्म मालिक ने कंगारू दिया था। लेकिन, किसी को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर कंगारू ऑस्ट्रेलिया से मिजोरम कैसे पहुंच गया? वहीं, इंदौर चिड़ियाघर पार्क क्यूरेटर का कहना है कि मिजोरम के एक एनजीओ ने अपनी मर्जी से विदेशी जानवर को चिड़ियाघर को देने की पेशकश की थी।

रिपोर्ट के अनुसार, विगत 12 मार्च को पश्चिम बंगाल ने पुलिस ने 33 साल के शेख इमरान और 32 साल के शेख जावीद को गिरफ्तार किया था। दोनों ट्रक से कंगारू को लेकर जा रहे थे। इन दोनों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धाराएं भी शामिल हैं। हालांकि, दोनों के वकील ने अदालत में कागजात पेश किए, जिसमें साफ कहा गया है कि इस कंगारू को मिजोरम के एक निजी पशु फार्म से खरीदा गया था और उसे इंदौर के कमला नेहरू प्राणि संग्रहालय में ले जाया जा रहा था।

इधर, इंदौर चिड़ियाघर के क्यूरेटर निहार पारुलेकर ने टीओआई को बताया कि वह गिरफ्तार किए गए दो हैदराबादियों को नहीं जानते। इस मामले को लेकर अब तक कई दलीलें दी गई हैं, लेकिन पुलिस अब भी मामले की छानबीन कर रही है। चिड़ियाघर के अधिकारियों और मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी भी मांगी गई है। लेकिन, अब तक यह गुत्थी नहीं सुलझ पाई है कि आखिरकार कंगारू ऑस्ट्रेलिया से मिजोरम कैसे पहुंचा?

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