नई दिल्ली। देशभर में आज से 12-14 साल के आयुवर्ग में भी कोविड रोधी वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है। इस उम्र के बच्चों को कोर्बेवैक्स टीके (corbevax vaccine) की खुराक दी जाएगी, जिसका निर्माण हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड ने किया है।
केंद्र सरकार ने 16 मार्च से शुरू हो रहे 12 से 14 साल के बच्चों के कोविड-19 टीकाकरण के लिए मंगलवार को दिशा-निर्देश जारी किए। सरकार ने स्पष्ट किया कि इस आयु वर्ग के बच्चों को सिर्फ कोर्बेवैक्स टीका लगाया जाएगा। कोर्बेवैक्स वैक्सीन की दो खुराकें बच्चों को दी जानी हैं, जो 28 दिनों के अंतराल पर दी जाएंगी। केवल उन्हीं बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी, जिन्होंने उस तारीख को कम से कम 12 साल की उम्र पूरी कर ली है।
ऐसे होगा पंजीकरण
केंद्र सरकार के मुताबिक, 12 से 14 साल की उम्र के बच्चों को कोर्बेवैक्स दिलाने के लिए पंजीकरण आवश्यक होगा, जो कोविन पर मौजूद परिवार के किसी सदस्य के अकाउंट से या फिर पोर्टल पर एक नए मोबाइल नंबर से नया अकाउंट बनाकर किया जा सकता है। पंजीकरण निर्धारित स्वरूप में टीकाकरण केंद्रों पर जाकर भी कराया जा सकता है।
टीकाकराण की तारीख जहां ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों ही मोड में बुक कराई जा सकती हैं, वहीं दिशा-निर्देश में यह भी साफ किया गया है कि जिन बच्चों ने 12 साल की उम्र टीकाकरण की तारीख को पूरी कर ली है, केवल उनका ही वैक्सीनेशन हो। अगर कोई बच्चा पंजीकृत है, लेकिन उसने 12 वर्ष की उम्र पूरी नहीं की है तो उसका वैक्सीनेशन न किया जाए।
दिशा-निर्देशों में राज्यों से 12 से 14 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए निर्धारित टीकाकरण केंद्रों पर समर्पित टीकाकरण सत्र आयोजित करने को भी कहा गया है, ताकि वहां कोर्बेवैक्स के अलावा किसी भी अन्य टीके के इस्तेमाल की संभावना न रहे। सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर यह नि:शुल्क होगा। एक अनुमान के मुताबिक, 1 मार्च, 2021 तक देश में 12 और 13 साल के कम से कम 4.7 करोड़ बच्चे थे। यहां गौर हो कि 14 से 15 साल के बच्चों को 15 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को पहले ही टीके लगाए जा चुके हैं।
60+ को लगेगी सतर्कता डोज
केंद्र ने जो दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उसमें यह भी कहा गया है कि 60 साल और उससे अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को अब एहतियाती खुराक दी जा सकेगी और यह खुराक दूसरी खुराक लगाए जाने की तारीख से नौ महीने यानी 39 हफ्ते पूरे होने के बाद प्राथमिकता के आधार पर लगाई जाएगी। इसमें उसी टीके का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जो प्राथमिक टीकाकरण में लगाया गया था।
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