लाहौर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों अपनी सरकार को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान अपने पंजाब प्रांत में भारतीय मिसाइल के गिरने पर भारत को जवाब दे सकता था, लेकिन इसने संयम दिखाया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि, पाकिस्तान भी भारतीय मिसाइल के अपने देश में आने के बाद उसी तरह से जवाब दे सकता था, लेकिन पाकिस्तान ने संयम बरता”। उन्होंने यह भी कहा कि हमने देश के रक्षा तंत्र को मजबूत बनाया है। इससे पहले इमरान सरकार ने शनिवार को कहा था कि वह भारत के दुर्घटनावश मिसाइल चलने के दावे से संतुष्ट नहीं है। इसके साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के सुरक्षा इंतजामों पर भी सवाल उठाए थे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह बयान उस वक्त दिया है, जब 9 मार्च को एक भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल (बिना हथियार वाला) ने पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश किया था और लाहौर से लगभग 275 किलोमीटर दूर मियां चन्नू के पास एक कोल्ड स्टोरेज गोदाम से टकरा गई थी। हालांकि, जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
दरअसल, पाकिस्तानी पत्रकारों का मानना है कि, इमरान खान की सरकार अगले एक हफ्ते में गिर जाएगी और इमरान खान इस बात को जानते हैं, लिहाजा वो पूरे देश में दौरे कर रहे हैं और अपनी सरकार गिराने का आरोप अमेरिका और पश्चिमी देशों पर लगा रहे हैं।
भारत इस घटना पर पहले ही खेद जता चुका है और सैन्य जांच के आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन इमरान खान को इस पर संतोष नहीं है। इमरान के खिलाफ पाक संसद में साझा विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया है और वह घरेलू मोर्चे पर घिरे हुए हैं।
हालांकि, मिसाइल गिरने के फौरन बाद भारत की तरफ से बयान जारी किया गया था और इसे एक टेक्निकल गलती बताते हुए गहरा खेद जताया गया था। भारत ने दावा किया है कि, तकनीकी खराबी के कारण नियमित रखरखाव अभियान के दौरान मिसाइल गलती से चल गई और इस घटना की ‘उच्च स्तरीय जांच’ का आदेश दिया गया है।
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