यूक्रेन के बाद क्‍या रूस से भी लौटेंगे भारतीय छात्र? भारतीय दूतावास ने जारी की गाइडलाइंस

नई दिल्ली/मास्‍को। यूक्रेन में रूस की सैन्‍य कार्रवाई के बाद से वहां से बड़ी संख्‍या में भारतीय छात्रों ने बाहर निकाला गया गया है। वहीं अब रूस में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए भारतीय दूतावास ने गाइडलाइंस जारी की है।

यूक्रेन में भारतीय छात्रों/नागरिकों की संख्‍या 20,000 से अधिक बताई गई, जिनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई थी। खारकीव में गोलीबारी के बीच एक भारतीय छात्र को जान गंवानी पड़ी तो अन्‍य गोली लगने से घायल भी हुआ। यूक्रेन में भारी बमबारी के बीच छात्रों ने बंकरों में कई-कई दिन गुजारे तो कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के बीच बिना कुछ खाए पीए मीलों पैदल चलकर बॉर्डर तक पहुंचे, ताकि वहां से अन्‍य देश की सीमा में दाखिल होकर भारत के लिए फ्लाइट ले सकें।

इन परिस्थितियों के बीच रूस में रह रहे भारतीय छात्रों के मन में भी कई सवाल उठ रहे हैं और वे जानना चाहते हैं कि क्‍या उन्‍हें भी आने वाले समय में यह देश छोड़ना होगा और क्‍या उनके लिए इस तरह का कोई परामर्श है? इन सवालों के बीच रूस स्थित भारतीय दूतवास ने यहां रह रहे भारतीय छात्रों के लिए गाइडलाइंस जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अभी यहां सुरक्षा को लेकर ऐसा कोई कारण नहीं है, जिसकी वजह से उन्‍हें इस देश को छोड़कर जाने की सलाह दी जाए।

रूस के विश्‍वविद्यालयों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए जारी गाइलाइंस में कहा गया है कि दूतावास को लगातर भारतीय छात्रों से संदेश मिल रहे हैं, जिनमें परामर्श मांगा जा रहा है कि वे यहां रुके रहें या नहीं? इस संबंध में दूतावास सभी छात्रों को आश्‍वस्‍त करना चाहता है कि इस वक्‍त सुरक्षा को लेकर ऐसा कोई कारण नहीं है, जिसकी वजह से उन्‍हें यह जगह छोड़ने को कहा जाए। भारतीय छात्रों/नागरिकों की सुरक्षा को लेकर दूतावास सभी संबंधित प्रशासन के संपर्क में है।

रूस में बैंकिंग सेवा में कुछ व्‍यवधान पैदा हुए हैं और रूस से भारत के लिए सीधी उड़ान सेवा में भी कुछ अड़चनें आ रही हैं। इन पहलुओं को ध्‍यान में रखते हुए अगर छात्र भारत लौटना चाहते हैं तो वे इस पर विचार कर सकते हैं। जहां तक अकादमिक पाठ्यक्रमों की बात है तो कई विश्‍वविद्यालयों की ओर से कहा गया है कि उन्‍होंने पहले ही ऑनलाइन डिस्‍टेंस लर्निंग मोड अपना रखा है। ऐसे में छात्र संबंधित विश्‍वविद्यालयों में संपर्क कर अपने कोर्स को ध्‍यान में रखते हुए अपनी पढ़ाई निर्बाध पूरी कर सकते हैं।

रूस में पढ़ाई के लिए गए भारतीय छात्रों की संख्‍या लगभग 15,000 बताई जाती है, जिनमें से अधिकतर मेडिकल कोर्स के लिए रजिस्‍टर्ड हैं। पश्चिमी देशों के मुकाबले कम फीस होने की वजह से सोवियत काल से ही यह भारतीय छात्रों के लिए विदेश में मेडिकल की पढ़ाई एक प्रमुख विकल्‍प रहा है।

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