कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) की सुविधा प्रदान की गई थी। भारत समेत दुनियाभर में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा दी, ताकि काम भी चल सके और संक्रमण भी न फैले।
न्यूजीलैंड से एक रोचक अध्ययन जारी हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, Work From Home के दौरान पुरुष कर्मचारियों के दिन मजे में कटे। वहीं महिला कर्मचारियों पर ऑफिस के साथ ही घर-परिवार और बच्चों की अतिरिक्त जिम्मेदारी पड़ी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (Women’s Day 2022) के मौके पर जारी न्यूजीलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च की इस स्टडी की जबरदस्त चर्चा है और बहस भी छिड़ गई है।
अध्ययन में कहा गया है कि घर से काम (Work From Home) करने में अनुमति होना बहुत अच्छा है, लेकिन अगर आप एक पुरुष हैं तो और भी बेहतर। ज्यादातर लोगों ने महामारी के दौरान घर से काम करना पसंद किया, लेकिन कामकाजी महिलाओं के हिस्से में घर के काम और बच्चों की देखभाल का अतिरिक्त बोझ आया।
एएसबी बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विटोरिया शॉर्ट ने कहा, ‘हमारे अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि इस तरह काम करने की लचीली व्यवस्था के कई फायदे हैं, लेकिन यह इन अंतर को भी उजागर करता है कि किस तरह महिलाओं से घर के अन्य कामों की उम्मीद भी की जाती है। महिलाएं अभी भी अधिकांश घरेलू कामों की जिम्मेदारी ले रही हैं।
न्यूजीलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च के इस अध्ययन के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 60% से अधिक लोगों की नजर में घर से काम करना सकारात्मक रहा। हालांकि, 22% ही ऐसे रहे जिन्होंने घर की अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन भी किया। दरअसल, कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान स्कूल भी बंद कर दिए गए। बच्चों के घर में रहने से ऑफिस का कामकाज मुश्किल रहा और होम-स्कूलिंग का पूरा लोड महिलाओं पर रहा। घर से काम (Work From Home) करने के लिए उपकरण और उचित स्थान मिलने मामले में भी पुरुष आगे रहे।
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