नई दिल्ली। को-लोकेशन घोटाले मामले में सीबीआइ ने रविवार को नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उन्हें जांच एजेंसी के मुख्यालय में रखा गया है।
सीबीआइ को-लोकेशन घोटाले मामले में दिल्ली के एक स्टाक ब्रोकर की जांच कर रही थी। इस दौरान जांच एजेंसी को एनएसई के शीर्ष अधिकारियों की संलिप्तता का पता चला। इसके बाद सीबीआइ ने जांच का दायरा बढ़ाया और 25 फरवरी को एनएसई के पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमणियन को गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान यह भी पता चला कि चित्रा रामकृष्ण एक कथित ‘गुरु’ के कहने पर एनएसई के फैसले लिया करती।
इसके बाद तीन दिनों तक चित्रा रामकृष्ण से पूछताछ और आवास की तलाशी लेने के बाद सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी ने फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक की भी सेवाएं लीं। इससे पहले शनिवार को सीबीआइ की विशेष अदालत ने चित्रा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
फोरेंसिक आडिट में सुब्रमणियन को ही कथित गुरु बताया गया था लेकिन जब सेबी ने इस मामले की अंतिम जांच रिपोर्ट जारी की तो उसने इस दावे को खारिज कर दिया। रवि नारायण की जगह वर्ष 2013 में चित्रा रामकृष्ण एनएसई की सीईओ बनी थीं। शुरुआत में उन्होंने सुब्रमणियन को अपना सलाहकार नियुक्त किया था लेकिन बाद सालाना 4.21 करोड़ रुपये के वेतन पर समूह संचालन अधिकारी के पद पर प्रोन्नत कर दिया।
सेबी को आडिट रिपोर्ट में इन धांधलियों का पता चला तो पूंजी बाजार नियामक ने चित्रा रामकृष्ण पर तीन करोड़, एनएसई और सुब्रमणियन पर दो-दो करोड़, मुख्य नियामक अधिकारी और अनुपालन अधिकारी वीआर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया। वर्ष 2016 में चित्रा रामकृष्ण ने एनएसई छोड़ दिया था।
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