मास्को। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का असर अब अन्य देशों पर भी पड़ने लगा है। दुनिया एक बार फिर दो ध्रुवों में बंटती नजर आ रही है। हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा गया कि रूसी कर्मचारी अपने स्पेस रॉकेट से अमेरिका, ब्रिटेन और जापान के झंडे हटाते नजर आ रहे हैं। हालाँकि भारतीय झंडे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होती है।
रोस्कोस्मोस दिग्गज रूसी स्पेस एजेंसी है। जैसे भारत की इसरो दुनिया भर के सेटेलाइट अपने रॉकेट से लॉन्च करती है वैसे ही रोस्कोस्मोस भी करती है। रोस्कोस्मोस को अपने रॉकटे से 4 मार्च को तीन दर्जन वनवेब इंटरनेट सेटेलाइट को लॉन्च करना था। लेकिन अब रूसी एजेंसी ने इनकार कर दिया है। इसने कहा है कि शुक्रवार (4 मार्च) को ये योजना के अनुसार तीन दर्जन वनवेब इंटरनेट सेटेलाइट को लॉन्च नहीं करेगा। खासतौर से तब तक जब तक कि वनवेब कंपनी नई मांगों को पूरा नहीं करती है।
वनवेब इंटरनेट आंशिक रूप से ब्रिटिश सरकार के स्वामित्व वाली कम्युनिकेशन सेटेलाइट कंपनी है। वनवेब का इरादा शुक्रवार को रूसी सोयुज रॉकेट पर 36 उपग्रहों को लॉन्च करने का था। लेकिन रोस्कोस्मोस ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि प्रक्षेपण नहीं होगा। इन्हीं सेटेलाइट को लॉन्च करने वाले रॉकेट का ये वीडियो है जिसमें कुछ देशों के झंडों को हटाते हुए दिखाया जा रहा है।
बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी समेत कई देश रूस के खिलाफ हैं। सभी ने उसपर तरह-तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत ने न्यूट्रल रुख अपनाया है। भारत की तरफ से पहले ही साफ किया गया है कि हमारी प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों और छात्रों को निकालना है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा था कि भारत युद्धविराम का समर्थन करता है। UN में भारत ने कहा कि मतभेदों को सिर्फ बातचीत और कूटनीति से ही खत्म किया जा सकता है।
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