दिल्ली। शराब विक्रेताओं के एक समूह ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें शराब की एमआरपी पर खुदरा लाइसेंसधारियों की ओर से दी जा रही छूट या रियायत पर दिल्ली सरकार द्वारा रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी गई है।
28 फरवरी को, दिल्ली सरकार ने राजधानी में शराब के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर छूट नीति को बंद करने की घोषणा करते हुए कहा था कि शराब की दुकानों पर छूट की पेशकश के कारण बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। दिल्ली सरकार ने तर्क दिया था कि इससे कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है और स्थानीय लोगों को असुविधा हो रही है। याचिका में दलील दी गई है कि उनकी निविदा के खंड 3.5.1 में कहा गया है कि लाइसेंसधारक एमआरपी पर रियायत या छूट देने के लिए स्वतंत्र है।
इसके अलावा दलील में यह भी कहा गया है कि प्रतिवादी के आक्षेपित निर्णय से याचिकाकर्ताओं को छूट/रियायत के संबंध में व्यावसायिक निर्णय लेने का अधिकार पूरी तरह से छीन लिया गया है और यह याचिकाकर्ताओं को नई आबकारी नीति और निविदा दस्तावेजों के तहत मिलने वाले अधिकारों का उल्लंघन है।
जल्द ही लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा
याचिका में कहा गया है कि ऐसा ‘क्लॉज’ है, जिसमें छूट देना नई उत्पाद नीति योजना का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसलिए, एक महत्वपूर्ण खंड को बंद करने/वापस लेने का आदेश आबकारी नीति के खिलाफ और विरोधाभास में है।दिल्ली में शराब की दुकानें मार्च के अंत तक अपने स्टॉक को समाप्त करने के लिए शराब की बोतलों पर भारी छूट की पेशकश कर रही थीं। दरअसल जल्द ही लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा, इसलिए अधिकतर शराब विक्रेता विभिन्न शराब के ब्रांड पर छूट की पेशकश कर रहे हैं।
Discussion about this post