नई दिल्ली। यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच भारत अपने नागरिकों को यहां से निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रहा है। भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रूस और यूक्रेन दोनों ही सरकार से अपील की है। लेकिन इस बीच रूस और यूक्रेन ने एक दूसरे पर भारतीय छात्रों को बंधक बनाने का आरोप लगा रहे हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर से दावा किया गया है कि यूक्रेन की सेना ने भारतीय छात्रों को बंधक बना रखा है। लेकिन भारत ने इस दावे को खारिज किया है।
भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस मामले पर सफाई देते हुए कहा गया है कि यूक्रेन में हमारा दूतावास लगातार भारतीय नागरिकों के संपर्क में है। हम बताना चाहते हैं कि यूक्रेन के प्रशासन की मदद से कई छात्र 2 मार्च को भारत के लिए खारकीव से रवाना हुए। हमे किस भी भारतीय छात्र के बंधक होने की अभी तक कोई खबर नहीं मिली है। हमने यूक्रेन प्रशासन से गुजारिश की है कि वह छात्रों को खारकीव और पड़ोसी इलाकों से बाहर निकालने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करें।
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हम सभी देशों के साथ लगातार संपर्क में हैं और उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम रूस, रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, मोलदोवा में प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से पिछले दिनों में निकाला गया है। हम यूक्रेन प्रशासन की ओर से मुहैया कराई गई मदद के लिए उनका शुक्रिया अदा करते हैं। हम यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों का भी शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने हमारे नागरिकों को ठिकाना मुहैया कराया।
गौरतलब है कि रूस ने बुधवार को कहा था कि उसके सशस्त्र बल यूक्रेन के खारकीव शहर से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिहाज से सभी जरूरी कदम उठाने को तैयार हैं। भारत में रूसी दूतावास के एक अधिकारी ने रूस के रक्षा मंत्रालय की ब्रीफिंग का ब्योरा साझा किया था।
मॉस्को में रक्षा मंत्रालय ने एक मीडिया ब्रीफिंग में यह आरोप भी लगाया था यूक्रेन में भारतीय छात्रों के एक समूह को उनकी बेलगोरोद जाने की इच्छा के विपरीत खारकीव में जबरदस्ती रोक कर रख रहे हैं। हालांकि भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यूक्रेन जो अपना खून बहा रहा है, वह वहां फंसे हुए विदेशी छात्रों की मदद कर रहा है।
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