नई दिल्ली। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत सरकार का मिशन उड़ान शुरू हो गया है। एअर इंडिया रूस के आक्रमण के चलते यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए शनिवार को अपनी तीन उड़ानें रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और एक उड़ान हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट भेजेगा।
जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर पहुंच गए हैं, उन्हें भारत सरकार के अधिकारी बुखारेस्ट ले जायेंगे ताकि उन्हें एअर इंडिया की इन दो उड़ानों के जरिए स्वदेश लाया जा सके। यूक्रेन के अधिकारियों ने गुरुवार को यात्री विमानों के परिचालन के लिए अपने देश का वायु क्षेत्र बंद कर दिया था, इसलिए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए ये उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से परिचालित की जा रही हैं। एअर इंडिया ने शुक्रवार रात को ट्विटर के जरिये बताया कि वह दिल्ली और मुंबई से 26 फरवरी (शनिवार) को बी787 विमान बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के लिए परिचालित करेगा।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को कहा कि वह रोमानिया तथा हंगरी से आने वाले मार्गों को निर्धारित करने का काम कर रहा है। वर्तमान में, अधिकारियों की टीम उझोरोद के पास चोप-जाहोनी हंगरी सीमा, चेर्नीवत्सी के पास पोरब्ने-सीरेत रोमानियाई सीमा चौकियों पर पहुंच रही है।
दूतावास ने कहा कि इन सीमा जांच चौकियों के करीब रह रहे भारतीय नागरिकों, विशेष कर छात्रों को विदेश मंत्रालय के दलों के साथ समन्वय कर व्यवस्थित तरीके से रवाना होने की सलाह दी जाती है। यूक्रेन में फिलहाल करीब 20,000 भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें ज्यादातर विद्यार्थी हैं।
दूतावास ने भारतीयों को अपना पासपोर्ट, नकदी (प्राथमिक रूप से डॉलर में), अन्य आवश्यक वस्तुएं और कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र सीमा जांच चौकियों पर अपने पास रखने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा है कि कागज पर भारतीय ध्वज का प्रिंट निकाल लें और यात्रा के दौरान वाहनों तथा बसों पर उन्हें चिपका दें।
यूक्रेन की राजधानी कीव और रोमानिया की सीमा के बीच करीब 600 किलोमीटर का फासला है और सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में साढ़े आठ से 11 घंटे लगते हैं। रोमानियाई सीमा जांच चौकी से बुखारेस्ट करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर है तथा सड़क मार्ग से उसे तय करने में करीब सात से नौ घंटे लगते हैं। वहीं, कीव और हंगरी की सीमा के बीच करीब 820 किमी की दूरी है और इसे सड़क मार्ग से तय करने में 12-13 घंटे लगते हैं।
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