नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले ने शेयर बाजारों को गुरुवार को नीचे धकेल दिया। इससे गुरुवार को एक घंटे से भी कम समय के कारोबार में निवेशकों की संपत्ति 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक घट गई।
यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते तनाव से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण सुबह घटकर 2,47,46,960.48 करोड़ रुपये पर आ गया। जबकि बुधवार को कारोबार के अंत में बाजार पूंजीकरण 2,55,68,668.33 करोड़ रुपये था। यानि करीब 8.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घट गई।
रूस द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में भी भारी बिकवाली हुई। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क सूचकांकों में भारी बिकवाली के दबाव के कारण गुरुवार को कारोबार के दौरान 77 कंपनी के शेयर 52-सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए। लगभग सभी बाजार बुरी तरह प्रभावित हुए क्योंकि निरंतर बिकवाली के दबाव ने सेंसेक्स मिडकैप और स्मॉलकैप को क्रमशः 3.31 प्रतिशत और 3.37 प्रतिशत तक नीचे ढकेल दिया।
सेक्टोरल मोर्चे पर सभी सेक्टोरल इंडेक्स बीएसई टेलीकॉम, बीएसई रियल्टी और बीएसई टेक लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे, जिन्हें क्रमशः 4.47 प्रतिशत, 3.91 प्रतिशत और 3.19 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। 266 एडवांस और 2,893 डिक्लाइन के साथ एडवांस-डिक्लाइन अनुपात बड़े पैमाने पर मंदड़ियों के पक्ष में था।
बीएसई 500 इंडेक्स के 77 शेयर में डॉ रेड्डीज, एक्साइड इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी लाइफ, अपोलो टायर्स, बीपीसीएल, डीसीबी बैंक, एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जिलेट इंडिया लिमिटेड और वॉकहार्ट लिमिटेड शामिल हैं। YES सिक्योरिटीज के अमर अंबानी ने कहा कि Covid ने पहले ही दुनिया की इकोनॉमी की रफ्तार सुस्त कर दी है, अब रूस यूक्रेन लड़ाई बाजारों को और प्रभावित करेंगी। पहले से ही नया ट्रिगर न होने के कारण अक्टूबर 2021 से कंसोलिडेशन देखा जा रहा है। उस पर रूस-यूक्रेन मुद्दे ने एक और नकारात्मक ट्रिगर जोड़ दिया है।
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