नई दिल्ली। दिल्ली के मुस्तफाबाद के एक सरकारी स्कूल की छात्रा ने आरोप लगाया कि स्कूल में उससे हिजाब उतारने को कहा गया। छात्रा ने यह बात एक वीडियो में कही जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कक्षा 6 की छात्रा के पिता ने स्कूल अथॉरिटी की ओर से उनकी बेटी को अपमानित करने का आरोप लगाया है, जबकि प्रिंसिपल ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है।
यह प्रकरण एक वीडियो के बाद सामने आया है। हिजाब पहने छात्रा ने वीडियो में कहा, ‘‘शिक्षकों ने मुझसे कक्षा में स्कार्फ पहनकर नहीं आने को कहा। कहा गया कि अपनी मां की तरह मत बनो और स्कार्फ पहनकर स्कूल मत आओ। दो-तीन और लड़कियां थीं जिन्हें स्कार्फ उतारने को कहा गया।’’
लड़की के पिता मोहम्मद अय्यूब गौरी ने कहा कि यह उनकी बेटी का स्कूल में पहला दिन था और वह पहले प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थी। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी सोमवार को स्कूल गई, स्कूल में यह उसका पहला दिन था। उसकी क्लास की टीचर ने पूरी कक्षा के सामने उसका अपमान किया और उसे फटकार लगाई। टीचर ने बच्ची से कहा कि ‘तुम क्या पहनी हो? एक मां की तरह व्यवहार मत करो और इसे फिर से कक्षा नहीं पहनना।’ गौरी ने कहा कि टीचर ने उसे 40-50 बच्चों के सामने प्रताड़ित किया गया। वह टूटने की कगार पर थी। इसके बाद उसने अपना हिजाब हटा दिया।
गौरी ने कहा कि वह मंगलवार को स्कूल के प्रिंसिपल से मिले और एक लिखित आवेदन दिया। ‘मैंने प्रिंसिपल से पूछा कि क्या दिल्ली सरकार की ओर से कक्षाओं में हिजाब को प्रतिबंधित करने का कोई आदेश है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के आदेश में छात्रों को ड्रेस पहनने के लिए कहा गया है। मैंने उनसे कहा कि मेरी बेटी ने यूनिफॉर्म पहना था।’
वहीं स्कूल की प्रिंसिपल सुशीला देवी ने बताया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर लाने से पहले युवा मुस्लिम छात्राएं कक्षाओं में एंट्री करते समय अपने हिजाब उतार देती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लंबे समय से होता आ रहा है, इसमें कोई खास बात नहीं है। लड़कियां कक्षाओं के दौरान हिजाब को अपने बैग में पैक कर लेती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में लड़की जब स्कूल परिसर के भीतर पहुंच गई तो शिक्षकों ने उससे मौजूदा परंपरा के तहत स्कार्फ हटाने को कहा। बाद में स्कूल प्रशासन ने मामले पर उसके माता-पिता के साथ चर्चा की और इसे सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया।’’
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