गुजरात के हास्य कलाकार ने ‘हंसी-हंसी’ में बनवा दिए छह स्कूल और पुस्तकालय

अहमदाबाद। समाज की सेवा के लिए निमंत्रण नहीं दिया जाता, यह स्वप्रेरणा से किया जाता है। गुजरात के प्रसिद्ध हास्य कलाकार जगदीश त्रिवेदी ने इस सूत्रवाक्य को अपने कार्यों से और मजबूती प्रदान की है। एक सेलेब्रिटी होने और अतिव्यस्तता के बावजूद जगदीश त्रिवेदी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और पठन-पाठन की बेहतर व्यवस्था के जरिये समाज के कमजोर वर्ग की सेवा को ही जीवन मूल्य बना लिया है। एक तरह तो वह अपने हास्य कार्यक्रमों के जरिये लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरते हैं और दूसरी तरफ स्कूल, पुस्कालय और अस्पताल कायाकल्प कर मानव सेवा की नित नई परिभाषा लिखते रहते हैं।

डॉ. जगदीश त्रिवेदी ने तीन बार पीएच.डी. हासिल की। स्टैंड-अप कॉमेडियन के तौर पर वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई। उन्होंने कार्यक्रमों के लिए 76 से ज्यादा विदेश यात्राएं कीं और दुनिया के 28 विभिन्न देशों में 3000 से ज्यादा कॉमेडी शो किए। उनके द्वारा अब तक 60 पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं, जिनमें से 6 पुस्तकें सरकार द्वारा लॉन्च की गईं। उनके एक परिचित ने बताया कि, गुजराती भाषा में उनके जोक्स के 80 से अधिक एल्बम जारी किए गए हैं। 12 अक्टूबर, 2017 को उन्होंने अपने 50वें जन्मदिन पर जनसेवा की एक शपथ ली कि वह अपने प्रदर्शन से जो कुछ भी कमाएंगे, उसे समाज के जरूरतमंद लोगों को दान करेंगे, विशेष रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपने जीवन के आखिरी समय तक।’

उन्होंने 6 स्कूलों को बनवाया। साथ ही महज 2 साल की अवधि में उन्होंने समाज सेवा के लिए 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का दान दिया। हाल ही में सुरेंद्रनगर जिले की चोटिला तहसील के गांव नावा वादी में हुए समारोह में सांसद मनोज मोकरिया, कथावाचक रमेश भाई ओझा, संत माधव प्रियदासजी एवं अन्य हस्तियों की मौजूदगी में उन्होंने जनकल्याण के काम करते रहने की बात कही। एक संत ने कहा कि, त्रिवेदी उन लोगों में से हैं, जिन्हें समाज-सेवा के लिए कोई निमंत्रण नहीं दिया जाता, बल्कि यह स्वप्रेरणा से किया जाता है। उनकी पुस्तकें बच्चों को बहुत पंसद आती हैं और ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

जगदीश त्रिवेदी सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय रहते हैं। वह अपने पोर्टल पर अपनी पुस्तकों के बारे में बताते हैं। एक मॉटिनेवेशनल स्पीकर के तौर पर भी उन्होंने पहचान बनाई है। उनका कहना है कि, वे जो कमाते हैं उसका कम से कम आधा हिस्सा बच्चों के हित में खर्च करते हैं। सेलेब्रिटी होने और अतिव्यस्तता के बावजूद उन्होंने शिक्षा-स्वास्थ्य और पठन-पाठन की व्यवस्था बेहतर करने के प्रयास किए हैं। एक तरफ तो वह अपने हास्य कार्यक्रमों के जरिये लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरते हैं। दूसरी ओर वह स्कूलों, पुस्तकालय और अस्पताल के जरिए भी मानव सेवा की परिभाषा लिखते रहते हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए इस अनूठे अभियान में जगदीश त्रिवेदी अपनी आय का बड़ा हिस्सा खर्च करते हैं। उनके इस संकल्प को इंडियन फैमिली एसोसिएशन आफ कनाडा व उर्मीसरोज चैरिटेबल ट्रस्ट व कुछ प्रवासी भारतीयों का साथ भी मिला है।

Exit mobile version