नई दिल्ली। देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित अपनी नियुक्ति के बाद से ही विवादों में घिर गई हैं। सोशल मीडिया पर उनके नाम के एक ट्विटर हैंडल से किये गये पुराने विवादास्पद ट्वीट्स को लेकर अब हंगामा मचा हुआ है। हालाँकि उन्होंने कहा कि मेरे पास ट्विटर हैंडल है ही नही, ये सब गलत फैलाया जा रहा है।
शांतिश्री धूलिपुड़ी के नाम से इन ट्वीट्स में जामिया मिलिया इस्लामिया और सेंट स्टीफंस कॉलेज को “सांप्रदायिक परिसर” कहा गया था। इस हैंडल के जरिए भारतीय ईसाइयों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं को “मानसिक रूप से बीमार जिहादी” के रूप में बताया था। इतना नही नहीं, प्राेफेसर पंडित के नाम पर बने अकाउंट से किए गए ट्वीट्स में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की आलोचना और उन्हें वोट नहीं देने की मांग भी की गई थी। इसके अलावा चीन की नीतियों के विरोध में लगातार ट्वीट्स किए गए थे।
ट्विटर पर सीपीआई (एमएल) की नेता कविता कृष्णन ने लिखा कि मोदी सरकार में जेएनयू की नई वीसी ने भारत के किसानों के खिलाफ और हिंदू-वर्चस्ववादी विचारों से भरे कई ट्वीट्स किये हैं। उन्होंने लिखा कि पंडित सक्रिय रूप से जेएनयू से घृणा करती हैं। हालांकि बाद में इस अकाउंट को डिलीट कर दिया गया।
इस विवाद के बाद मंगलवार को मीडिया से बातचीत में प्रोफेसर पंडित ने अपने नाम पर बने विवादास्पद ट्विटर अकाउंट से दूरी बनाते हुए कहा कि मैं सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हूं। साथ ही जिस अकाउंट से विवादित ट्वीट किए गए हैं, वह भी मेरा नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा किसी ने मेरी छवि बिगाड़ने के लिए किया होगा।