नई दिल्ली। चीन की राजधानी बीजिंग में हो रही 2022 शीतकालीन ओलिंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में भारत के राजनयिक शामिल नहीं होंगे। भारत ने ओलंपिक का बायकॉट किया है, साथ ही भारत सरकार ने इस समारोह में गलवान घाटी संघर्ष में शामिल एक सैन्य कमांडर को ओलिंपिक मशाल वाहक बनाए जाने को ‘अफसोसनाक’ बताया।
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में हुए संघर्ष में शामिल एक चीनी सैनिक ने बुधवार को बीजिंग विंटर ओलंपिक के पारंपरिक मशाल रिले में हिस्सा लिया था। बीजिंग विंटर ओलिंपिक के पारंपरिक मशाल रिले में हिस्सा लेने वाला पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का रेजिमेंट कमांडर क्वी फाबाओ गलवान घाटी में हुए संघर्ष में शामिल था। चीन के एक अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, रेजिमेंट कमांडर को एक हीरो के रूप में 1200 मशालधारकों के बीच शामिल किया गया।फाबाओ, गलवान संघर्ष में जख्मी हो गया था, उसे सिर में चोट लगी थी।
चीन के इस कदम को गलवान हिंसा का वैश्विक स्तर पर प्रचार करने से जोड़कर देखा जा रहा है। इस पूरे मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने ओलंपिक का राजनीतिकरण किया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार बीजिंग में भारत के कार्यवाहक राजदूत ओलंपिक उद्घाटन या फिर समापन में किसी भी तरह का हिस्सा नहीं लेंगे।
चीन के इस कदम के बाद यूएनएससी में एक बैठक हुई, जिसमें भारत ने अपना पक्ष रखा। भारत ने कहा कि गलवान घाटी क्षेत्र और इसके बाहर शांति स्थापित करने के लिए भारत शुरू से ही राजनीति और सैन्य स्तर पर बातचीत करता रहा है जिससे दोनों देशों के बीच एक शांतिपूर्ण समाधान निकल सके।
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