जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर की जिला अदालत परिसर के मंदिर में एक दुल्हन ने शादी की और अचानक एक युवक के साथ भाग गई। जब उसके साथ आई एक महिला व कुछ लोगों को पकड़कर वर पक्ष ने वहां हंगामा मचाया तो फर्जी शादी कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि दो सालों में आधा दर्जन से ज्यादा शादियां रचकर लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया है।
छपरा सिवनी के दशरथ पटेल नाम के युवक की किसी रेणु ठाकुर नाम की युवती से अमर सिंह ने शादी तय कराई थी। इसके बदले उसने 20 हजार रुपए लिए थे। रेणु ठाकुर की मौसी अर्चना बर्मन नाम की महिला रेणु की मौसी बनी थी। द्शरथ पटेल को शादी के लिए इन लोगों ने मिलकर जबलपुर जिला अदालत परिसर में बुलाया और वहां शपथ पत्र बनवाकर उसकी रेणु ठाकुर से अदालत परिसर में ही मौजूद एक मंदिर में शादी करा दी। मंदिर में शादी के कुछ देर बाद ही रेणु ठाकुर अचानक एक युवक के साथ चली गई।
दुल्हन के अचानक भागने के बाद दूल्हा और उसके रिश्तेदार तुरंत ही कोर्ट परिसर वापस लौटे जहां पर उसकी मौसी अर्चना बर्मन को वकीलों ने घेर लिया। सूचना मिलने पर ओमती थाना पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को पकड़कर थाने लाया गया।
दशरथ पटेल की फर्जी शादी कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश होने पर सामने आया है कि गिरोह ने अभी तक मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में फर्जी शादियां की हैं। यह गिरोह वर पक्ष द्वारा दिए गए ज़ेवर और नगदी लेकर फरार हो जाता था। गिरोह कुंवारे ज्यादा उम्र के युवकों को झांसे में लेकर ऐसी फर्जी शादियां कराता रहा है। शुरुआती पूछताछ में इसने बताया है कि 2 साल में इसने छह शादियां की है। दशरथ पटेल के साथ यह 7वीं शादी है।
पुलिस ने मामले में लुटेरी दुल्हन उर्मिला अहिरवार (रेनू राजपूत), नेहरू नगर पहाड़िया गढ़ा निवासी अर्चना बर्मन (अर्चना राजपूत नाम से रेनू की मौसी बनी थी), शाही नाका गढ़ा निवासी अमर सिंह ठाकुर (रेनू का चाचा) और भागचंद कोरी (उर्मिला का प्रेमी) को गिरफ्तार किया है।