नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में जून 2020 में चीन और भारत की सेनाओं के बीच हिंसक भिड़ंत हुई थी। इस हिंसक भिड़ंत के करीब डेढ़ साल बाद एक खोजी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन को गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प में ‘बहुत बड़ा’ नुकसान हुआ था। उसके कई सैनिक रात के अंधेरे में तेज बहती नदी को पार करते समय डूब गए थे। जबकि चीन ने पांच सैन्य अधिकारियों और सैनिकों के मारे जाने की बात कही थी।
ऑस्ट्रेलिया के अखबार ‘द क्लैक्सन’ ने स्वतंत्र सोशल मीडिया रिसर्चरों की टीम बनाई थी और उसकी ओर पेश तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट छापी है कि 15 जनू को अस्थायी पुल के निर्माण को लेकर भारत और चीनी सेना में झड़प हुई थी। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो के कई यूजर्स के हवाले से रिपोर्ट दावा करती है कि उस रात को कम-से-कम 38 पीएलए सैनिक नदी के तेज बहाव में बह गए थे। हालांकि, चीन ने बाद में इन पोस्टों को डिलीट करवा दिया था। खबर में कहा गया कि इससे यह भी पता चलता है कि बीजिंग उस झड़प के बारे में चर्चा नहीं करने के लिए किस हद तक जा सकता है।
अखबार ने कहा कि शोधकर्ताओं और ब्लागर ने सुरक्षा कारणों से अपना नाम बताने से इन्कार कर दिया लेकिन उनके निष्कर्ष इस पूरे मामले पर नई रोशनी डालते हैं। सोशल मीडिया शोधकर्ताओं ने ‘गलवां डिकोडेड’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें यह दावा किया गया है कि 15-16 जून की लड़ाई के शुरुआती दौर में शून्य तापमान में तेजी से बहने वाली गलवां नदी में तैरने का प्रयास करते हुए कई चीनी सैनिक मारे गए थे।
पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में 15 जून, 2020 को भारतीय और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे। चीन ने पहले तो किसी भी तरह के नुकसान से इन्कार किया था। बाद में उसने अपने पांच जवानों और सैनिकों के मारे जाने की बात कही थी। हालांकि, भारतीय सेना ने कहा था कि इस संघर्ष में चीन के उससे ज्यादा सैनिक मारे गए थे।
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