करहल/जसवंतनगर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को मैनपुरी की करहल सीट पर कांग्रेस ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। हालांकि, कांग्रेस ने करहल सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था, लेकिन मंगलवार को नामांकन करने से रोक दिया है। साथ ही शिवपाल यादव की जसवंतनगर सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी नहीं उतार रही है। इस तरह से कांग्रेस ने चाचा-भतीजे दोनों को वॉकओवर दे दिया है।
कांग्रेस ने पहली सूची में करहल विधानसभा क्षेत्र से ज्ञानवती यादव और मैनपुरी सदर विधानसभा क्षेत्र से जिलाध्यक्ष विनीता शाक्य को प्रत्याशी घोषित किया था। ज्ञानवती को टिकट दिए जाने का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध करके उनके पुतले तक फूंक दिए थे। समाजवादी पार्टी ने जब करहल विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रत्याशी बनाया तो कांग्रेस हाईकमान ने अपना निर्णय बदल दिया।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय से ज्ञानवती यादव को फोन करके करहल विधानसभा क्षेत्र से नामांकन नहीं करने के निर्देश दिए। इस संबंध में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सहित कार्यवाहक जिलाध्यक्ष को भी सूचना दी गई। जिलाध्यक्ष और कार्यवाहक जिलाध्यक्ष ने भी करहल विधानसभा क्षेत्र से घोषित प्रत्याशी ज्ञानवती यादव को हाईकमान के निर्णय की सूचना दे दी।
वहीं, इटावा की जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में शिवपाल यादव के खिलाफ कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं होगा जसवंतनगर सीट पर कांग्रेस ने किसी को भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया था और कांग्रेस ने कहा अब हम उस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। करहल और जसंवतनगर दोनों ही सीट पर सपा को कांग्रेस समर्थन करेगी।
दरअसल, समाजवादी पार्टी गांधी परिवार के खिलाफ अमेठी और रायबरेली संसदीय सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारती है। सपा यह काम 2009 के लोकसभा चुनाव से कर रही है। ऐसे में कांग्रेस ने भी सपा मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ में अखिलेश यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं दिया था। इतना ही नहीं कन्नौज सीट पर भी डिंपल यादव के खिलाफ किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया था।
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