नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में ट्विटर को पत्र लिखकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी पहुंच को दबाने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा, सरकार के दबाव में उनकी आवाज को चुप कराने के लिए ट्विटर पर फॉलोअर्स की संख्या पर अघोषित प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल को लिखी चिट्ठी के जवाब में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि फॉलोअरों की संख्या सार्वजनिक होती है और ट्विटर इससे कोई छेड़छाड़ नहीं करता है।
ट्विटर प्रवक्ता ने कहा कि किसी ट्विटर हैंडल के फॉलोअर्स की संख्या घटना-बढ़ना आम बात है। ट्विटर की तरफ से जारी बायान में कहा गया है, ‘किसी ट्विटर हैंडल के कितने फॉलोअर हैं, यह सबको दिखता है। हम सबको विश्वास दिलाना चाहते हैं कि संख्या सार्थक और सटीक हैं। ट्विटर किसी तरह की छेड़छाड़ और अवांछित गतिविधि बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करता है। हम रणनीतिक तौर पर इसका सामना करते रहते हैं।’
ट्विटर ने राहुल गांधी के पत्र के जवाब में कहा है कि हम भी चाहते हैं कि फॉलोअर्स की संख्या अकाउंट के साथ दिखे, लेकिन हम यह भी मानते हैं कि फॉलोअर्स वास्तविक हों। ट्विटर के पास हेरफेर और स्पैम के लिए कोई जगह नहीं है। हम मशीन लर्निंग टूल्स के जरिए हर सप्ताह बड़े पैमाने पर बॉट फॉलोअर्स और स्पैम की छंटनी करते हैं। ऐसे में फॉलोअर्स की संख्या में कमी हो सकती है। ट्विटर प्रवक्ता नेकहा, ‘हमारा निरंतर प्रयास होता है कि हमारी साफ-सुथरी सेवा जारी रहे। इस क्रम में फॉलोअरों की संख्या घट-बढ़ सकती है क्योंकि हम हर हफ्ते लाखों-करोड़ों अकाउंट्स को हटाते रहते हैं जो हमारी नीतियों का उल्लंघ करते हैं। आप इस संदर्भ में ट्विटर ट्रांसपेरेंसी सेंटर के ताजा अपडेट देख सकते हैं। कुछ हैंडल में मामूली अंतर दिखाई देता है जबकि कुछ मामलों में संख्या अधिक हो सकती है।’
राहुल गांधी ने 27 दिसंबर 2021 को ट्विटर को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने ट्विटर अकाउंट का डाटा भी शेयर किया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता शशि थरूर के साथ तुलना की गई है। राहुल गांधी के मुताबिक अगस्त 2021 में उनके फॉलोअर्स की संख्या 54,803 कम हुई है, वहीं सितंबर में 1,327, अक्तूबर में 2,380 और नवंबर में 2,788 फॉलोअर्स कम हुए हैं। इस अवधि में सबसे ज्यादा पीएम मोदी के फॉलोअर्स बढ़े हैं जिनकी संख्या करीब 30 लाख है। राहुल गांधी ने कहा है कि ट्विटर पर मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
राहुल गांधी ने ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल को दिसंबर में लिखे पत्र में कहा, मैं आपका ध्यान उस ओर लाना चाहता हूं कि मुझे लगता है कि भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष भाषण पर अंकुश लगाने में ट्विटर की ‘अनजाने में मिलीभगत’ है। इतना ही नहीं राहुल ने कहा, ‘लोगों द्वारा मुझे भरोसेमंद रूप से बताया गया है कि ट्विटर इंडिया पर सरकार द्वारा मेरी आवाज को दबाने के लिए काफी दबाव है।’