नई दिल्ली। विदेशी चंदे के लिए 6,000 से ज्यादा एनजीओ के FCRA लाइसेंस रद्द करने का मामले में सुप्रीम कोर्ट से गैर सरकारी संगठनों को राहत नहीं मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने इन एनजीओ को सुरक्षा देने के लिए अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया।
अमेरिकी एनजीओ ‘ग्लोबल पीस इनिशिएटिव’ ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि इन गैर सरकारी संगठनों द्वारा लाखों भारतीयों की मदद की जाती है। इन हजारों गैर सरकारी संगठनों के FCRA पंजीकरण को अचानक और मनमाने ढंग से रद्द करना संगठनों, उनके कार्यकर्ताओं के साथ-साथ उन लाखों भारतीयों के अधिकारों का उल्लंघन है जिनकी वे सेवा करते हैं। विशेष रूप से ऐसे समय में प्रासंगिक हैं, जब देश कोविड -19 वायरस की तीसरी लहर का सामना कर रहा है। इस समय करीब 6000 गैर सरकारी संगठनों के लाइसेंस रद्द करने से राहत प्रयासों में बाधा आएगी और जरूरतमंद नागरिकों को सहायता से वंचित किया जाएगा। महामारी से निपटने में मदद करने में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका को केंद्र सरकार, नीति आयोग और खुद प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी स्वीकार किया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि एनजीओ अपने लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए केंद्र सरकार के सामने बात रखें और केंद्र इन पर कानून के अनुसार फैसला ले। मामले की सुनवाई जस्टिस ए एम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की बेंच कर रही थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की उस दलील को भी नोट किया, जिसमें सरकार ने दावा किया है समय सीमा के भीतर लाइसेंस के रिन्यू के लिए आवेदन करने वाले 11,594 गैर सरकारी संगठनों को पहले ही एक्सटेंशन दिया जा चुका है।
केंद्र सरकार के तरफ से दलील पेश कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये सभी एनजीओ अमेरिका के ह्यूस्टन के हैं। 11000 से ज्यादा एनजीओ ने रिन्यू के लिए आवेदन किया। इनका लाइसेंस पहले ही बढ़ाया जा चुका है। मुझे नहीं पता कि ये याचिका दायर करने की मंशा क्या है। लेकिन कुछ तो गड़बड़ है।
क्या है एफसीआरए रजिस्ट्रेशन?
फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) 1976 में बनाया गया था। लेकिन बाद में इसके नियमों में कुछ संशोधन किया गया। एफसीआरए के जरिए विदेशों से मिलने वाले दान को नियंत्रित किया जाता है, ताकि इससे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए किसी तरह की चुनौती पैदा न हो सके। यह एक्ट विदेशी से चंदे लेने वाले सभी संगठनों, समूहों और गैर-सरकारी संस्थाओं पर लागू होता है।
एफसीआरए के क्या है नियम?
फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कई नियम होते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद कई सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों के लिए संस्थाएं विदेशों से चंदे ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें आयकर रिटर्न भरना, समय पर रिन्यू कराना आदि कराना पड़ता है। एफसीआरए का काम किसी भी विदेशी फंड पर निगरानी रखता है, देश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों पर नजर रखना, एवं सुरक्षा संबंधी जानकारी रखना होता है।
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