लखनऊ। जेल में बंद गैंगस्टर नाहिद हसन को कैराना से उम्मीदवार बनाकर समाजवादी पार्टी मुश्किल में घिर गई है। भाजपा नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर मांग की है कि सपा की मान्यता रद्द करने का निर्देश दिया जाए।
अधिवक्ता ने कहा कि मैंने सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में मांग की है कि सपा अध्यक्ष की ओर से उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई है। ऐसे में चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि वह उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे। याचिका में कहा गया है कि सपा ने उम्मीदवार का आपराधिक रेकॉर्ड अपने ट्विटर अकाउंट और वेबसाइट पर जारी नहीं किया। मीडिया, सोशल मीडिया पर भी कोई जानकारी नहीं दी गई। कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दे कि सभी राजनीतिक पार्टियां हर उम्मीदवार के क्रिमिनल केस से संबंधित जानकारी और उन्हें टिकट देने की वजह अपने आधिकारिक वेबसाइट पर होम पेज पर प्रकाशित करें।
हालांकि नाहिद हसन को यूपी पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी उनका टिकट भी काट चुकी है। विरोध के बाद सपा ने नाहिद हसन की बहन को टिकट दिया है। वहीं भाजपा अब भी इस मामले पर सपा पर आक्रामक है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ हमला बोलते हुए कह चुके हैं कि सपा की पहली ही लिस्ट से उसके इरादे साफ हैं कि वह कैसे पश्चिम यूपी को गुंडाराज में झोंकने की तैयारी में है।
एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सह विधानसभा चुनाव प्रभारी अनुराग ठाकुर ने सपा पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, ‘सपा का प्रत्याशी नंबर एक- विधायक नाहिद हसन (सपा के कैराना से उम्मीदवार) जेल में बंद है और उसका दूसरा विधायक अब्दुल्ला आजम जमानत पर है। सपा की सूची देखेंगे तो शुरुआत जेल वाले से होती है और अंत ‘बेल’ वाले पर होगा।’ उन्होंने कहा कि यह ‘जेल-बेल’ का खेल समाजवादी पार्टी का असली खेल है।