गाजियाबाद। नंदग्राम थाना क्षेत्र में एक सोसायटी में फ्लैट देने के नाम बिल्डर ने 25.69 लाख रुपये हड़प लिए। पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की तो कार्रवाई नहीं हुई। फिर पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर नंदग्राम पुलिस ने कंपनी की सीईओ समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रेलवे रोड बजरिया निवासी निखिल मित्तल का कहना है कि वह एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। वर्ष 2011 में दिल्ली बुराड़ी स्थित प्रोविओ इंस्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी के निदेशक पुनीत त्यागी व विकास त्यागी ने उनसे मुलाकात की और बताया कि उनकी कंपनी ने एक आवासीय कालोनी आफिसर्स सिटी के नाम से राजनगर एक्सटेंशन में विकसित की है। दोनों ने उनकी मुलाकात कंपनी की सीईओ सोमा चंद्रा से कराई। तीनों ने सोसायटी में तीन कमरों का फ्लैट बुक कराने का प्रस्ताव रखा और फ्लैट को उच्च तकनीक का बताया। आश्वासन मिला कि फ्लैट बुक कराने के बाद 2015 में उसका कब्जा दे दिया जाएगा। कंपनी द्वारा फ्लैट देने में देरी होने पर 18 फीसद की ब्याज दर से भुगतान किया जाएगा।
इसके लिए पीड़ित ने 26,22,925 रुपये की कीमत के आधार पर फ्लैट के लिए आवेदन कर दिया। इसके लिए पीड़ित ने 5,83,000 रुपये दे दिए। इसके बाद पीड़ित ने अलग-अलग तारीखों पर 19,86,697 रुपये दे दिए। लेकिन कुछ समय बाद मौके पर जाकर देखा तो वहां निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ और जो कार्य हुआ वो निम्न स्तर का किया गया।
आरोप है कि 2020 तक आरोपितों ने फ्लैट का कब्जा नहीं दिया और वर्ष 2020 में आफर फार पजेशन लेटर भेजकर 5.52 लाख रुपये की मांग की। जबकि कंपनी के उनपर कुल 1.35 लाख रुपये बकाया थे। इस पर वह साइट आफिस गए तो वह बंद मिला। उन्होंने कंपनी के दिल्ली स्थित पते पर पंजीकृत डाक से नोटिस भेजा तो डाक विभाग ने नोटिस यह कहते हुए वापस लौटा दिया कि इस फर्म का दर्ज पते पर कोई अस्तित्व नहीं है।
जानकारी करने पर पता चला कि जीडीए से इस प्रोजेक्ट का कंपलीशन सर्टिफिकेट भी जारी नहीं किया गया। पीड़िता का कहना है कि उन्होंने मामले में कई बार पुलिस से शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। शिकायत करने पर कोर्ट के आदेश पर पुनीत त्यागी, विकास त्यागी और प्रोव्यू इन्फ्रास्ट्रंक्शन प्राइवेट लिमिटेड की सीईओ सोमा चंद्रा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ। नंदग्राम थाना प्रभारी अमित कुमार का कहना है कि मामला दर्ज किया गया है है। जांच की जा रही है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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