दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर में आवारा कुत्तों के एक झुंड द्वारा कथित रूप से हमला किए जाने के बाद तीन साल की एक बच्ची की मौत हो गई। यह घटना हादसा है या साजिश, इसकी भी पड़ताल होगी। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
यह घटना नजफगढ़ स्थित डीएलएफ के नजदीक डीडीए पार्क में 17 दिसंबर को हुई। बच्ची लक्ष्मी के पिता डीडीए पार्क में गार्डनिंग का काम करते हैं। वह इसी पार्क में झुग्गी डालकर रहते हैं, परिवार में माता-पिता, गोपी राम और विमला देवी और एक 6 वर्षीय बहन है। 17 दिसंबर की दोपहर बच्ची अन्य बच्चों के साथ पार्क में खेल रही थी। वहां गली के पांच-छह कुत्ते भी घूम रहे थे। इसी दौरान कुत्तों के झुंड ने बच्चों पर हमला कर दिया। बड़े बच्चे भाग गए लेकिन यह छोटी बच्ची थी। इस पर कुत्ते झपट पड़े। कुत्तों ने बच्ची को कई जगह से काट लिया।
कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकर पति-पत्नी का ध्यान बच्ची की ओर गया तो वे दौड़ पड़े। किसी तरह कुत्तों के चंगुल से अपनी बच्ची को छुड़ाया। बच्ची को कुत्तों ने इस कदर लहूलुहान कर दिया की वह बेसुध होकर गिर गई। जख्मीहालत में परिजन उसे पास के अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन से मामले की जानकारी पुलिस को दी। मोती नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
चिकित्सकों ने पुलिस को बताया कि बच्ची पर काटने के कई निशान हैं। ये निशान पेट, हाथ सहित कई जगहों पर हैं। बच्ची को इस कदर काटा गया कि आंत का कुछ हिस्सा भी बाहर आ गया। चिकित्सकों ने पुलिस को यह भी बताया कि जिस तरह के निशान शरीर पर हैं, उससे जाहिर होता है कि एक नहीं बल्कि कई कुत्तों ने बच्ची को काटा है।
बच्ची के पेट में एक लंबा घाव भी डॉक्टरों को मिला है, जिससे पुलिस को शक है कि कहीं यह हत्या का मामला न हो। पुलिस का कहना है कि यह भी पता लगाया जा रहा है कि गली के कुत्तों में कोई पेट डॉग तो नहीं था। अगर इनमें कोई पालतू कुत्ता हुआ तो उसके मालिक के खिलाफ केस बनेगा।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) उर्जिवा गोयल ने बताया कि-पिता ने आरोप लगाया कि पार्क के अंदर आवारा कुत्तों द्वारा हमला किए जाने के बाद उनका बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई थी।उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलेगा फिलहाल मामले की जांच की जा रही है
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