कानपुर। यूपी के कानपुर में समाज कल्याण विभाग के एक बाबू 36 साल से गोरखपुर में दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहा है। डीएम ने जांच के बाद उसके निलंबन की स्पष्ट संस्तुति की है लेकिन विभाग कार्रवाई में हीलाहवाली कर रहा है। मामला सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भी पहुंच गया। जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री से इस बात की शिकायत की गई कि उसके निलंबन की संस्तुति शासन से हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाबू 33 साल की सेवा पूरी कर 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो जाएगा।
विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक, 4 फरवरी 1985 को रवि प्रकाश मिश्र के नाम नियुक्ति पत्र जारी हुआ था। लेकिन तभी से मिश्र के स्थान पर रवि प्रकाश चतुर्वेदी काम कर रहा है। चतुर्वेदी इस साल 31 दिसंबर को रिटायर भी हो जाएगा। उच्चस्तरीय निर्देश पर गोरखपुर के डीएम विजय किरन आनंद की गोपनीय रिपोर्ट में इन सभी तथ्यो की पुष्टि की गई है।
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने रवि प्रकाश चतुर्वेदी पर लगे आरोपों की जांच दो सदस्यीय समिति से कराई थी। सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव एवं कोषाधिकारी की जांच में रवि प्रकाश चतुर्वेदी पर लगे आरोप सही पाए गए। आरोप सही मिलने के बाद जिलाधिकारी ने समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को इस प्रकरण से अवगत कराते हुए उसे निलंबित करने एवं विधिक कार्रवाई करने की संस्तुति की। डीएम ने 6 दिसंबर को रिपोर्ट शासन को भेज दी थी, पर अब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
वहीं मुख्यमंत्री को बताया गया कि जिलाधिकारी की ओर से रवि को निलंबित करने एवं विधिक कार्रवाई करने की संस्तुति शासन से की जा चुकी है लेकिन उसपर कार्रवाई नहीं हुई। रवि पर फर्जी दस्तावेज लगाकर दूसरे के नाम पर नौकरी करने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिला प्रशासन की संस्तुति के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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