मेरठ। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ डटे रहे राकेश टिकैत अब मुजफ्फरनगर स्थित अपने घर लौट गए हैं। गाजीपुर बॉर्डर से आंदोलनकारी किसानों के आखिरी जत्थे के साथ रवाना हुए राकेश टिकैत मेरठ पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान जब उनके राजनीतिक दल के पोस्टर में छपी उनकी तस्वीर को लेकर पूछा गया तो टिकैत ने साफ किया कि वह राजनीति में नहीं कूदेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे पोस्टर का कोई भी राजनीतिक पार्टी इस्तेमाल ना करे।
मिशन 2022 को लेकर मेरठ में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की तस्वीरें अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के साथ लगाई गई थीं लेकिन रातों-रात राकेश टिकैत के मेरठ पहुंचने से पहले ही वह पोस्टर और बैनर हटा लिए गए। मेरठ में राकेश टिकैत ने कहा, “आगे की रणनीति आने वाले समय पर बताएंगे। हमसे बिना पूछे हमारे पोस्टर का इस्तेमाल किया गया। हमने उन्हें कहा कि हमारे पोस्टर आप हटाओ. हमारे पोस्टर का कोई भी राजनीतिक पार्टी इस्तेमाल ना करे, हम चुनाव नहीं लड़ेंगे।”
इससे पहले जब राकेश टिकैत का काफिला मेरठ पहुंचा तो जगह जगह लोगों ने उनका स्वागत किया। वेस्टर्न यूपी टोल प्लाजा पर राकेश टिकैत पर क्रेन से पुष्पवर्षा हुई। दिल्ली से रवानगी के दौरान दौरान टिकैत ने कहा कि आंदोलन ने बहुत कुछ सिखाया है और इसकी खट्टी-कड़वी और मीठी यादें हमेशा साथ रहेंगी।
राकेश टिकैत ने भले ही आज चुनाव में उतरने से इनकार किया हो, लेकिन वह दो बार मैदान में उतर चुके हैं। 2007 में वह मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव में उतरे थे। यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वह 2014 के लोकसभा चुनाव में अमरोहा सीट से रालोद के टिकट पर लड़े, लेकिन एक बार फिर से हार ही हाथ लगी।
बता दें कि किसान संगठनों ने 15 जनवरी को अब एक समीक्षा बैठक बुलाने का फैसला लिया है, जिसमें वे सरकार की ओर से किए गए वादों पर कितना काम हुआ है, उस पर चर्चा करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन स्थगित करते हुए यह कहा भी था कि यदि सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है तो हम एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर सकते हैं।
Discussion about this post