गाजियाबाद। तीनों केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली से सटी सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहा किसान आंदोलन आज गुरुवार को समाप्त हो गया। सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि 11 दिसंबर से किसानोें की वापसी होगी। इस आन्दोलन की समाप्ति की घोषणा के बाद गाजियाबाद को सबसे बड़ी राहत मिलेगी।
दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहांपुर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर बैठे किसान आंदोलन खत्म करेंगे तो लोगों की आवाजाही आसान हो जाएगी। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसान पिछले एक साल से धरने पर बैठे हैं। इससे लोगों को नोएडा गाजियाबाद आने जाने में काफी दिक्कत हो रही है। आन्दोलन की वजह से गाजियाबाद की ओर से रोजाना दिल्ली आने जाने वाले वाहन चालकों को आनंद विहार या नोएडा होकर जाना पड़ रहा है।
इन सड़कों पर पहले से वाहन का दवाब अधिक होने से रोजाना जाम लगना भी आम हो गया है। आसपास की दुकानों के अलावा ऑटो ड्राइवरों को भी दिक्कत हो रही है। ऑटो ड्राइवरों का कहना है कि गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन के चलते 4 किमी बेवजह घूमकर जाना पड़ता है, सवारियां उसका पैसा भी देना नहीं चाहती हैं। सुबह-शाम इतना ट्रैफिक हो जाता है कि अगर फंसे तो घंटे, दो घंटे बर्बाद समझिए।
अतिरिक्त वाहन चलाने और जाम में फंसने की वजह से वाहन चालकों को औसतन प्रति माह 2000 रुपये अतिरिक्त पेट्रोल में खर्च करने पड़ रहे हैं। किसान आंदोलन खत्म होने के बाद यूपी गेट से आने जाने से 2000 रुपये की प्रति माा की बचत होगी। इस तरह सभी वाहनों में प्रति माह 8 करोड़ रुपये की बचत होगी। साथ ही सबसे बड़ा फायदा होगा कि बार्डर इलाकों में लगने वाले जाम से प्रदूषण बढ़ रहा था, अब प्रदूषण भी कम हो जाएगा।