लंदन। अपने जन्म के 20 साल बाद एक लड़की ने अपनी मां की डिलीवरी करने वाले डॉक्टर पर केस ठोक दिया है। लड़की का दावा था कि उसे ‘पैदा नहीं होना चाहिए’ था। इस लड़की ने हर्जाने की मांग की तो यह मामला कोर्ट में पहुंच गया। कोर्ट ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए लड़की के समर्थन में आदेश देते हुए मुआवजे के तौर पर उसे कई मिलियन डॉलर का हर्जाना भरने का आदेश दिया है।
यह घटना ब्रिटेन की है। ‘डेली मेल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस लड़की का नाम एवी टूम्ब्स है। लड़की जन्म से ही एक बीमारी से पीड़ित थी, इस बीमारी का नाम लिपोमाइलोमेनिंगोसेले है, यह एक तरह की विकलांगता है। डॉक्टरों की मुताबिक, यह एक तरह की दिव्यांगता है जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में स्पाइना बिफिडा के नाम से भी जाना जाता है। इसी बीमारी की वजह से लड़की ने डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज कराया था।
20 वर्षीय लड़की के मुताबिक डॉ फिलिप मिशेल ने उसकी गर्भवती माँ को ठीक से सलाह नहीं दी। अगर डॉ फिलिप मिशेल ने उनकी मां को बताया होता कि अपने बच्चे को प्रभावित करने वाले स्पाइना बिफिडा के जोखिम को कम करने के लिए उन्हें फोलिक एसिड की खुराक लेने की जरूरत है, तो वह गर्भवती नहीं होती। लड़की का कहना है कि डॉक्टर के सही सलाह नहीं देने की वजह से वह इस बीमारी के साथ पैदा हुई।
रिपोर्ट के अनुसार जज रोसलिंड कोए क्यूसी ने बुधवार को लंदन हाई कोर्ट में दिए अपने ऐतिहासिक फैसले में एवी का समर्थन दिया। जज ने फैसला सुनाया कि अगर एवी की मां को ‘सही सलाह दी गई होती तो वह गर्भवती होने के प्रयासों में कुछ देर करतीं।’ उन्होंने एवी को एक बड़े मुआवजे का अधिकार देते हुए कहा कि परिस्थितियों के अनुसार कुछ समय बाद वह गर्भवती होतीं और परिणामस्वरूप एक सामान्य और स्वस्थ बच्चा पैदा होता।