प्रयागराज। यूपी में प्रयागराज के फाफामऊ क्षेत्र में चार लोगों की सामूहिक हत्या के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक मृतकों में शामिल एक युवती को से एक तरफा प्रेम करता था और उसे मैसेज भी भेजता था। पुलिस का दावा है कि एकतरफा प्यार के चक्कर में आरोपी युवक पवन सरोज ने अपने साथियों के साथ मिलकर युवती की और उसके परिवार वालों की हत्या की थी। पुलिस ने आरोपी के डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल भेज दिए हैं। पुलिस ने बताया कि पीड़िता नाबालिग नहीं थी और केस से पॉक्सो ऐक्ट की धारा हटा दी है।
रविवार शाम पुलिस लाइन सभागार में एडीजी प्रेम प्रकाश, आइजी डा. राकेश सिंह और एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से सामूहिक हत्याकांड के आरोपित को मीडिया के सामने पेश किया। पुलिस के मुताबिक युवती के मोबाइल में अंतिम मैसेज के आधार पर पुलिस ने पवन को गिरफ्तार किया। थरवई के काेरसंड गांव निवासी पवन कुमार सटरिंग का काम करता है और पीड़ित परिवार के मकान से करीब एक किलोमीटर दूर ईंट-भट्ठे के पास रहता है। प्रयागराज पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो आरोपी पहले घटना को लेकर ना नुकुर करता रहा। जब युवती का मोबाइल फोन मैसेज दिखाया गया, तब युवक शांत हुआ। युवक लगातार युवती के मोबाइल पर मैसेज भेजा करता था। हत्या के दिन युवती के मोबाइल पर युवक ने लास्ट मैसेज भेजा था।
एडीजी कहते हैं कि पवन सरोज लगभग (23) वर्ष का है और पढ़ा लिखा नहीं है। पवन सरोज मृतक परिवार की ही जाति का है। उनके मुताबिक पवन सरोज द्वारा लड़की को लगातार परेशान किया जा रहा था। जांच में पता चला है कि आरोपित लड़की को अक्सर परेशान करता था और छेड़छाड़ भी करता था। कभी खुद को प्रधान बताकर धमकाता तो कभी दूसरा नाम बताकर धौंस जमाता था।
पुलिस अफसरों ने बताया कि अहम बात यह है कि 21 नवंबर यानी घटना वाली रात से पहले शाम को भी पवन सरोज ने अपने नंबर से एक मैसेज किशोरी के मोबाइल पर भेजा जिसमें उसने आई लव यू लिखा था। इसके कुछ देर बाद ही किशोरी की ओर से आई हेट यू लिखकर इस मैसेज का जवाब दिया गया। अभियुक्त के वाट्सएप से पता चला है कि घटना के बाद उसने लड़की को कोई संदेश नहीं भेजा था, यानी उसे वारदात के बारे में पता था। इसके अलावा पवन की कमर, पीठ और हाथ में चोट के निशान मिले हैं। शर्ट में खून के धब्बे मिले हैं, लेकिन वह पान का पीक बता रहा है। डीएनए सैंपल लिया गया है और उसके कपड़े, मोबाइल को फारेंसिंक लैब भेजकर जांच कराई जाएगी। एडीजी के मुताबिक पवन सरोज द्वारा हत्याकांड में शामिल लोगों के नाम बदल- बदल कर बताए जा रहे हैं, एडीजी के मुताबिक हत्या में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी विवेचना की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता नाबालिग नहीं थी और केस से पॉक्सो ऐक्ट की धारा हटा दी है।घटना वाले दिन युवती के साथ दरिंदगी भी की गई थी। हालांकि लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है ये तो अभी कंफर्म नहीं हो सका लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की बात सामने आई है। पुलिस ने बताया कि मृतक युवती की जन्मतिथि जून 1996 है जिसके परिणामस्वरूप केस से पॉक्सो ऐक्ट की धारा हटा दी गई हैं।
बता दें कि फाफामऊ के गोहरी गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। मृतकों में फूलचंद (50), उसकी पत्नी मीनू (45), बेटा शिव (10) और 17 वर्षीय बेटी शामिल थी। सभी के खून से लथपथ शव सुबह घर के भीतर पड़े मिले थे। धारदार हथियार से हमला कर उन्हें मौत के घाट उतारा गया था।
दलित बिरादरी का फूलचंद मजदूरी करता था और गोहरी गांव स्थित घर में पत्नी, बेटी व बेटे के साथ रहता था। मंगलवार शाम आखिरी बार उसके बेटे शिव को ग्रामीणों ने देखा था। बुधवार को पूरे दिन घर से कोई बाहर नहीं निकला। बृहस्पतिवार सुबह गांव के ही चाट विक्रेता संदीप कुमार ने सामने से गुजरते वक्त घर का दरवाजा खुला देखा।
भीतर झांकने पर कोई दिखाई नहीं दिया तो उसने कुछ दूर पर रहने वाले फूलचंद के भाई किशन को सूचना दी जो सीमा सुरक्षा बल में तैनात है और इन दिनों छुट्टी पर घर आया है। किशन ने बताया कि वह घर के भीतर पहुंचा तो वहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए।
बरामदे में दो अलग-अलग चारपाइयों पर उसके भाई व भाभी खून से लथपथ मृत पड़े थे जबकि बगल में ही भतीजे का शव पड़ा हुआ था। भीतर के कमरे में भतीजी मृत मिली। उसके शोर मचाने पर आसपास के लोग व अन्य परिवारीजन आ गए। एक साथ चार हत्याओं की सूचना पर सनसनी फैल गई।
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