नई दिल्ली। दिल्ली के डॉक्टरों ने एक बार फिर चिकित्सीय क्षेत्र में दुर्लभ और चौंकाने वाली सफलता हासिल की है। दुबई में एक भारतीय मजदूर काम करते वक्त घायल हो गया जिसमे उसके बांये हाथ का अंगूठा आरी से कटकर अलग हो गया। मजदूर आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा लेकिन वहां इलाज की कीमत ज्यादा होने की वजह से युवक ने दिल्ली की फ्लाइट पकड़ी और एयरपोर्ट के पास द्वारका स्थित आकाश हॉस्पिटल पहुंचा, जहां पर डॉक्टरों ने 5 घंटे लंबी सर्जरी कर उनका अंगूठा जोड़ दिया। अब वह ठीक हैं और फिर से दुबई जाने की तैयारी में जुटे हैं।
जानकारी के अनुसार, राजस्थान निवासी 34 वर्षीय संदीप शर्मा दुबई में लकड़ी का कार्य करता है। कुछ दिन पहले काम करते वक्त अचानक से आरी ने उसके बांये अंगूठे को हाथ से अलग कर दिया। अंगूठा कटने के चलते लगातार रक्तस्राव होता रहा और देखते ही देखते करीब 300 एमएल रक्त बह गया। तब दुबई में इलाज महंगा होने के कारण मरीज को तत्काल भारत लाया गया। करीब 22 घंटे में दिल्ली पहुंचे मरीज को द्वारका स्थित आकाश अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने बगैर समय गंवाए मरीज का ऑपरेशन किया और उसका अंगूठा जोड़ दिया। मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
अपने इलाज को लेकर संदीप ने कहा कि मैं जब अपने देश पहुंचा तो उम्मीद खो चुका था। लेकिन आकाश अस्पताल के डॉक्टरों ने मुझे भरोसा दिया और उन्होंने सच में कमाल कर दिया। यहां सर्जरी का खर्च दुबई के मुकाबले काफी कम था। यहां दुबई की तुलना में सिर्फ पांचवां हिस्सा देना पड़ा। मैं एक बार फिर से अपने काम पर जाना चाहता हूं, लेकिन अपने देश के डॉक्टर के संपर्क में बना रहना चाहता हूं।
आकाश हॉस्पिटल के रिकंस्ट्रक्टिव माइक्रोसर्जन डॉक्टर नीरज गोडरा ने कहा कि संदीप जब अस्पताल पहुंचे तो उनके हाथ की स्थिति गंभीर थी। हम उनके हॉस्पिटल पहुंचने के 10 मिनट के अंदर रीइम्प्लांटेशन सर्जरी के लिए लेकर गए। यह सर्जरी बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है, जहां पर छोटे-छोटे इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल होता है। अंगूठे की कटी हुई धमनियों के बीच फोरआर्म से नस के एक हिस्से को भी काटना था। पूरी प्रक्रिया माइक्रोस्कोप की मदद से की गई। पांच दिनों में वह ठीक हो गए और छुट्टी दे दी गई।
डॉक्टर ने कहा कि कटे हुए अंगूठे को अगर बर्फ के अंदर रखा जाए तो टिशू खराब होने से बच जाता है और 24 घंटे के अंदर सर्जरी संभव होती है। यह जानना आम लोगों के लिए जरूरी है। जब भी कभी ऐसी घटना हो तो कटे हुए हिस्से को पहले किसी पॉलिथीन में डाल दें और फिर उस पॉलिथीन को बर्फ के कंटेनर में रखें। किसी भी परिस्थिति में क्षतिग्रस्त हिस्से और बर्फ के बीच कोई सीधा संपर्क नहीं होना चाहिए। इसके अलावा जितना जल्दी हो सके नजदीकी अस्पताल जाएं क्योंकि कटे हुए हिस्से यानी अंगुली और अंगूठा 24 घंटे में दोबारा जोड़ा जा सकता है।
संदीप ने ऐसा ही किया था, जिसकी वजह से घटना के 22 घंटे बाद वह अस्पताल पहुंचे और फिर भी उनका अंगूठा जुड़ गया। डॉक्टरों के अनुसार यह मामला दुर्लभ इसलिए है क्योंकि दो घंटे और देरी होने पर संदीप आजीवन अपना अंगूठा वापस नहीं ले पाता।
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