नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने कृषि कानून वापस लेने के पीएम मोदी के फैसले पर मुहर लगा दी है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयक को मंजूरी दी गई है। इसके बाद इन बिलों को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगले हफ्ते से संसद का शीत सत्र शुरू हो रहा है और कृषि कानून को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के मौके पर राष्ट्रहित में कानूनों को वापस लेने की सरकार की मंशा की घोषणा की थी। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है।
गुरु नानक जयंती पर शुक्रवार सुबह देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि तीन कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए थे, लेकिन ‘हम सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद किसानों के एक वर्ग को राजी नहीं कर पाए।’ इसके साथ ही उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने भी साफ किया है कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे।’
तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था। राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था।
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