गाजियाबाद। मुठभेड़ में सात गौ हत्यारों को एनकाउंटर में पकड़ने वाले इंस्पेक्टर राजेन्द्र त्यागी का मामला अभी शांत होता नजर नहीं आ रहा है। पहले इंस्पेक्टर का तबादला और अब सस्पेंड के मामले में लोनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बुधवार को एसएसपी को एक पत्र लिखा है। विधायक ने एसएसपी और एसपी देहात पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों अधिकारी इस गोकशी में भाजपा नेताओं का नाम घसीटना चाहते थे, इंस्पेक्टर ने ऐसा नहीं किया तो उसे सस्पेंड कर दिया गया।
लोनी विधायक ने अपने पत्र में लिखा है कि निलंबित थाना प्रभारी ने बच्चों की कसम खाते हुए रोकर बताया कि आपके(विधायक) पत्र लिखने के बाद मुझे एसएसपी व एसपी देहात ने बुलाया। कहा कि आप सलीम पहलवान पर कार्रवाई नहीं करेंगे। गोतस्करी प्रकरण में भाजपा नेता और हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों का नाम ले लो तो तुम्हें वापस लोनी बॉर्डर थाना दे दिया जाएगा। जब थाना प्रभारी ने कहा कि सर आप क्या कह रहे हैं, एक बार सोच तो लीजिए? आरोप है कि इस पर अधिकारी भड़क गए और नौकरी खाने तक की धमकी दी।
नंदकिशोर गुर्जर ने एसएसपी को कहा है कि मैं आपको बधाई देता हूं कि आपने खुद को बचाने के लिए एक कर्तव्यनिष्ठ एवं साहसी गौभक्त थाना प्रभारी राजेंद्र त्यागी का पहले तबादला, फिर निलंबित कर दिया। आपने ऐसा करके अपराधियों के हौंसले बुलंद, पुलिसकर्मियों का मनोबल गिराकर उप्र पुलिस को शर्मसार किया है।
अपने इस पत्र में विधायक ने एसएसपी से 5 सवाल पूछे हैं
- गोतस्करों के सरगना सलीम पहलवान का नाम मुकदमे में शामिल न करने के लिए थाना प्रभारी पर क्यों दबाव बनाया गया? आपकी बात न मानने पर पहले तबादला, फिर निलंबन किसके दबाव में किया गया?
- इंस्पेक्टर को निलंबित करने का एक कारण आपने तस्करा लीक करने और गोपनीयता भंग करना बताया है। जबकि थाना प्रभारी के चले जाने के बाद तस्करा लीक हुआ। क्या आप तस्करा लीक होने व गोहत्या के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए अपने खिलाफ तस्करा दर्ज कराएंगे?
- आपके एवं एसपी देहात के द्वारा गोकशी में भाजपा नेताओं का नाम शामिल करने के लिए इंस्पेक्टर पर दबाव बनाया गया। क्या आप पर किसी बड़े गोतस्कर का दबाव है?
- इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी द्वारा किए गए एनकाउंटर पर आप इसलिए नाराज थे, क्योंकि उन्होंने आपको सूचना नहीं दी। ऐसे में आपको टीवी पर चमकने का मौका नहीं मिला। अभी तक आपने व एसपी देहात ने अपने जीवन में फर्जी एनकाउंटर किए हैं?
- क्या आपके उक्त कृत्यों से पुलिस की साख नहीं गिरी है?
क्या है मामला?
11 नवंबर की सुबह बॉर्डर थाने के इंस्पेक्टर राजेन्द्र त्यागी ने बेहटा हाजीपुर में नहर किनारे एक गोदाम में मुखबिर की सूचना पर छापेमारी की थी। जहां प्रतिबंधित पशु काटे जा रहे थे, इंसपेक्टर त्यागी के मुताबिक इस दौरान बदमाशों की ओर से हुई फायरिंग के जवाब में सात लोगों का एनकाउंटर किया था, सभी के पैर एक ही जगह गोली लगी थी। मुठभेड़ को लेकर किरकिरी हुई तो एसएसपी ने 13 नवंबर को राजेंद्र त्यागी को थाने से हटाते हुए इंदिरापुरम थाने का निरीक्षक अपराध बनाया था। ट्रांसफर के बाद उन्होंने नए पद पर ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। वह लगातार गैरहाजिर बने रहे। उन्हें एक वरिष्ठ अधिकारी ने समझाया और ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए भी बोला था लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और इंदिरापुरम थाने में आमद नहीं की।
इस कार्रवाई से मनोबल गिरने की बात कहते हुए इंस्पेक्टर ने जीडी में तस्करा डाला और ड्यूटी की बजाय घर के लिए रवानगी करा ली। इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी ने जीडी में डाले गए तस्करे में लिखा है कि मुठभेड़ की जांच कराए बगैर उनका ट्रांसफर कर देने से उनका मनोबल टूटा है। इस समय मैं नौकरी करने की स्थिति में नहीं हूं। अल्प समय में स्थानांतरण होने से मेरा मनोबल काफी टूट चुका है। इसलिए कुछ समय के लिए मुझे मानसिक परिस्थिति से रिकवर करने के लिए कार्यमुक्त करने की कृपा करें। वहीं यह तस्करा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसे गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने सीओ लोनी को जांच सौंपी थी।
एसएसपी पवन कुमार ने बताया कि एक रूटीन ट्रांसफर में जीडी में गलत तरीके से लिखने, फिर गोपनीय दस्तावेज को वायरल और गैरहाजिर रहने के चलते राजेंद्र त्यागी को सस्पेंड किया गया है। साथ ही विभागीय जांच की जा रही है। एसएसपी का कहना है कि पूरे प्रकरण की सीओ लोनी जांच कर रहे हैं। उनकी जांच में यदि इंस्पेक्टर दोषी मिलते हैं, तो उन पर आगे भी विभागीय कार्रवाई हो सकती है। इंस्पेक्टर द्वारा जीडी में निजी बातों का तस्करा डालना पुलिस रेग्यूलेशन के खिलाफ है। कोई भी पुलिसकर्मी अपनी मर्जी के मुताबिक निजी बातें जीडी में नहीं लिख सकता है।
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