गौ तस्करों के एनकाउंटर मामले में अब निलम्बित हुए इंस्पेक्टर, लोनी विधायक बोले- सीएम से करूंगा शिकायत

गाजियाबाद। लोनी बार्डर क्षेत्र में मुठभेड़ में सात गोहत्यारों को पैर में एक ही जगह गोली मारकर गिरफ्तार करने वाले पूर्व थाना प्रभारी राजेंद्र त्यागी को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है। थाने में डाले गए तस्करे को लीक करने, गैरहाजिर रहने और उच्चाधिकारियों का आदेश न मानने के आरोप में इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की गई है।

11 नवंबर की सुबह बॉर्डर थाने के इंस्पेक्टर राजेन्द्र त्यागी ने बेहटा हाजीपुर में नहर किनारे एक गोदाम में मुखबिर की सूचना पर छापेमारी की थी। जहां प्रतिबंधित पशु काटे जा रहे थे, इंसपेक्टर त्यागी के मुताबिक इस दौरान बदमाशों की ओर से हुई फायरिंग के जवाब में सात लोगों का एनकाउंटर किया था, सभी के पैर एक ही जगह गोली लगी थी। मुठभेड़ को लेकर किरकिरी हुई तो एसएसपी ने 13 नवंबर को राजेंद्र त्यागी को थाने से हटाते हुए इंदिरापुरम थाने का निरीक्षक अपराध बनाया था। ट्रांसफर के बाद उन्होंने नए पद पर ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। वह लगातार गैरहाजिर बने रहे। उन्हें एक वरिष्ठ अधिकारी ने समझाया और ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए भी बोला था लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और इंदिरापुरम थाने में आमद नहीं की।

इस कार्रवाई से मनोबल गिरने की बात कहते हुए इंस्पेक्टर ने जीडी में तस्करा डाला और ड्यूटी की बजाय घर के लिए रवानगी करा ली। इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी ने जीडी में डाले गए तस्करे में लिखा है कि मुठभेड़ की जांच कराए बगैर उनका ट्रांसफर कर देने से उनका मनोबल टूटा है। इस समय मैं नौकरी करने की स्थिति में नहीं हूं। अल्प समय में स्थानांतरण होने से मेरा मनोबल काफी टूट चुका है। इसलिए कुछ समय के लिए मुझे मानसिक परिस्थिति से रिकवर करने के लिए कार्यमुक्त करने की कृपा करें। वहीं यह तस्करा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसे गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने सीओ लोनी को जांच सौंपी थी।

एसएसपी पवन कुमार ने बताया कि एक रूटीन ट्रांसफर में जीडी में गलत तरीके से लिखने, फिर गोपनीय दस्तावेज को वायरल और गैरहाजिर रहने के चलते राजेंद्र त्यागी को सस्पेंड किया गया है। साथ ही विभागीय जांच की जा रही है। एसएसपी का कहना है कि पूरे प्रकरण की सीओ लोनी जांच कर रहे हैं। उनकी जांच में यदि इंस्पेक्टर दोषी मिलते हैं, तो उन पर आगे भी विभागीय कार्रवाई हो सकती है। इंस्पेक्टर द्वारा जीडी में निजी बातों का तस्करा डालना पुलिस रेग्यूलेशन के खिलाफ है। कोई भी पुलिसकर्मी अपनी मर्जी के मुताबिक निजी बातें जीडी में नहीं लिख सकता है।

विधायक ने लगाए एसएसपी पर गंभीर आरोप
वहीं लोनी विधायक ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात कही है, उनका कहना है कि सात गोतस्करों को मुठभेड़ में गोली मारने वाले इंस्पेक्टर को पहले चार्ज से हटाया गया और अब निलंबित कर दिया गया। एसएसपी और एसपी ग्रामीण की इस कारगुजारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराऊंगा।

इससे पहले लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को इस संबंध में पत्र लिखा। साथ ही गाजियाबाद के एसएसपी को पत्र लिख राजेंद्र त्यागी को फिर से लोनी थाने का एसएचओ बनाने की मांग की है। उन्होंने एसएसपी पर गौ तस्करों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। नंदकिशोर गुर्जर ने कहा है कि एसएसपी के इस कृत्य से प्रदेश सरकार की मंशा के अधिकारी व पुलिसकर्मी जो गौतस्करों और अपराधियों से लड़ने का कार्य करते है, उनका मनोबल गिरा है और गौतस्करों व अपराधियों का हौंसला बढ़ा है। साथ ही जनता में भारी रोष है।

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