नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के रेस्तरां और पबों में हर्बल हुक्का के इस्तेमाल की अनुमति देते हुए कहा कि आजीविका की कीमत पर कोविड-19 प्रतिबंधों को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
कई रेस्तरां और बार द्वारा हर्बल स्वाद वाले हुक्का की बिक्री या सेवा पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रहीे जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंध हमेशा के लिए नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि यह भी उल्लेख किया कि अधिकारियों द्वारा पहले से ही सिनेमा हॉल और स्विमिंग पूल को पूरी क्षमता से काम करने की अनुमति दी गई है।
याचिकाकर्ताओं द्वारा यह भरोसा देने के बाद कि वे हर्बल हुक्का परोसते समय COVID-19 निमयों का सख्ती से पालन करेंगे। इसके बाद अदालत ने स्पष्ट किया कि वह एक अंतरिम राहत के रूप में अनुमति दे रही है। जस्टिस पल्ली का यह आदेश याचिकाकर्ताओं द्वारा एक हलफनामा दाखिल करने के बाद सुनवाई की अगली तारीख तक प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) को हर्बल हुक्का की सेवा में हस्तक्षेप करने से रोकेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 स्थिति में किसी भी बदलाव के मामले में प्रतिवादी को अदालत जाने के लिए स्वतंत्र होगी।
अदालत ने दिल्ली सरकार को याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि अगर अन्य रेस्तरां और बार COVID-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन में हर्बल हुक्का परोसने की अनुमति के लिए उससे संपर्क करते हैं तो इस पर निर्णय लें।
इससे पहले दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को बताया था कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर ही संभावना को देखते हुए रेस्तरां व बार में हर्बल हुक्का की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध को जारी रखने का फैसला लिया गया है। दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष कहा कि ऐसी अनावश्यक सेवा पर प्रतिबंध हटाने का यह सही समय नहीं है, इससे कोरोना का संक्रमण फैल सकता है।
दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया कि अब तक दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सिनेमा हाल, रेस्तरां जैसी जरूरी व जनता की सामाजिक और आर्थिक भलाई के लिए जरूरी सेवाओं को ही अनुमति दी है। इतना ही कोरोना महामारी के दिशानिर्देशों के अनुपालन करने की शर्त पर ही इन सेवाओं को शुरू करने की अनुमति दी गई है। रेस्तरां व बार संचालकों ने याचिका दायर कर हर्बल हुक्का को प्रतिबंधित करने के फैसले को चुनौती दी है। संचालकों ने कहा है कि जब तक रेस्तरां हुक्का में निकोटीन का उपयोग नहीं करने का वचन देते हैं, तब तक उन्हें अपना व्यवसाय करने से प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है।
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