दिल्ली। पुलिस में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर भर्ती हुए 12 पुलिसकर्मियों को डिपार्टमेंटल इंक्वॉयरी के बाद दिल्ली पुलिस ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त सिपाही वर्ष 2007 में पुलिस में बतौर ड्राइवर सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। यह सभी 10 साल से ज्यादा समय तक ड्यूटी कर चुके हैं।
दिल्ली पुलिस ने ड्राइवर सिपाही के पद के लिए 2007 में भर्तियां निकाली थी। जिसमें उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस देने के लिए कहा गया था। इस दौरान छह सौ से ज्यादा ड्राइवर भर्ती किए गए थे। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब साल 2012 में सुल्तान सिंह नाम के एक सिपाही के दिए हुए दस्तावेजों की स्पेशल ब्रांच से जांच करवाई गई। सुल्तान सिंह ने मथुरा अथॉरिटी द्वारा जारी अपना ड्राइविंग लाइसेंस दिया हुआ था।
जांच में लाइसेंस फर्जी पाया गया। इसके बाद अधिकारियों ने वर्ष 2019 में दिल्ली पुलिस में 2007 में हुई भर्तियों में 81 आवेदन की जांच का जिम्मा क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। जांच में 12 सिपाहियों के लाइसेंस फर्जी पाए गए। जांच में फर्जीवाड़ा की पुष्टि होने के बाद अब इन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
पुलिस के मुताबिक इस मामले में अभी और कई भर्तियों की जांच चल रही है। फिलहाल 12 पुलिसकर्मियों को जांच पूरा होने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त सभी पुलिसकर्मी दिल्ली पुलिस की पीसीआर में ड्राइवर के पद पर तैनात थे।
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