मुंबई। भारत के जाने-माने इतिहासकार और लेखक बाबासाहेब पुरंदरे का सोमवार सुबह पुणे के दीनानाथ मंगेशकर मेमोरियल अस्पताल में निधन हो गया. वे 99 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरंदरे के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से इतिहास एवं संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा खालीपन पैदा हो गया है।
दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के हेल्थ डायरेक्टर डॉ. धनंजय केलकर ने कहा कि बाबासाहेब को उम्र संबंधी बीमारियां थीं। उन्होंने आज सुबह 05:07 बजे अंतिम सांस ली। अस्पताल ने कहा है कि उन्हें निमोनिया भी हुआ था। उनके पार्थिव शरीर को पार्वती स्थित उनके आवास पर कुछ देर रखने के बाद पुणे स्थित वैकुंठ धाम ले जाया गया है। कुछ देर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा
बताया गया था कि बाबा पुरंदरे अपने घर में बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था। उनके निधन की खबरों के बाद देशभर में उनके चाहने वालों ने शोक व्यक्त किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बाबासाहेब के लिए राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की घोषणा की है। वहीं, पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी बाबासाहेब के निधन पर दुख जताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं अपने दु:ख को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन ने इतिहास एवं संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा खालीपन पैदा कर दिया है। पुरंदरे के कारण भावी पीढ़ी छत्रपति शिवाजी महाराज से और जुड़ी रहेगी। उनके अन्य कार्य भी सदैव याद रखे जाएंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरंदरे मजाकिया एवं बुद्धिमान थे और उन्हें भारतीय इतिहास का काफी ज्ञान था। उन्होंने एक समारोह के अपने संबोधन का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ पिछले कुछ वर्षों में मुझे उनसे अत्यंत निकटता से बात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। कुछ महीने पहले, उनके शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित किया था।’’ मोदी ने कहा कि अपने व्यापक कार्यों के कारण पुरंदरे हमेशा जीवित रहेंगे। उन्होंने पुरंदरे के परिवार और उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट की।
कौन थे बाबा पुरंदरे?
बाबा साहब का जन्म 29 जुलाई 1922 को हुआ था। उन्हें महाराष्ट्र में शिवशहर के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाबासाहेब ने महान नाटक जाणता राजा (जनता का राजा) के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को घर-घर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह महानाट्य न केवल महाराष्ट्र में बल्कि आंध्र प्रदेश, गोवा और देश के अन्य हिस्सों में भी प्रसिद्ध हुआ।
बाबासाहेब पुरंदरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर कई किताबें लिखी हैं और अपना जीवन इतिहास और शोध के लिए समर्पित कर दिया था। उन्हें 2019 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण और 2015 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने न केवल शिवराय (छत्रपति) का इतिहास लिखा। बल्कि पेशवाओं के इतिहास को भी दुनिया के सामने रखा।
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