बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार प्रियंका गांधी ने पूरी तरह से कमान संभाल रखी है। रविवार को बुलंदशहर में कांग्रेस की रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ऐलान किया कि कांग्रेस इस बार रण में अकेले ही उतरेगी। साथ ही ये भी कहा कि पार्टी प्रदेश की हर सीट पर कांग्रेस कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाएगी।
प्रियंका गांधी ने रविवार को बुलंदशहर से प्रतिज्ञा सम्मेलन लक्ष्य की शुरुआत की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे कई लोगों ने कहा कुछ भी करिए इस बार गठबंधन मत करिए। मैं आप लोगों को आश्वासन देना चाहती हूं हम सारी सीटों पर लड़ेंगे, अपने दम पर लड़ेंगे।’
प्रियंका गांधी अपने संबोधन के दौरान भाजपा सरकार में हुए पुलिसिया जुल्म की दास्तां भी सुनाई। उन्होंने कहा, योगी राज में महिलाओं और गरीबों पर जुल्म बढ़े हैं। प्रियंका गांधी ने बुलंदशहर की जनता से भी कई वादे किए। गोरखपुर की प्रतिज्ञा वादा दोहराते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो महिलाओं की सुरक्षा और युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
प्रियंका गांधी ने कहा, आजादी के लिए गांधी जी, नेहरू जी, सरदार पटेल ओर बाबा साहेब ने कुर्बानी दी, लेकिन भाजपा के नेतृत्व को आजादी का अर्थ नहीं पता। आज कुछ लोगों के पास ही आजादी है। उन्होंने हाथरस की घटना का जिक्र करते हु कहा, पीड़ित परिवार को इतनी आजादी नहीं मिली कि वह अंतिम संस्कार तक कर सकें। करो या मरो नारा के अब दोबारा साकार करने का समय आ गया है। प्रियंका गांधी ने महंगाई पर भी भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, 70 साल में पेट्रोल का दाम 70 रुपये हुआ। पिछले सात साल में 100 रुपये हो गया। गैस डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। आपकी लड़ाई सपा और बसपा नहीं सिर्फ कांग्रेस लड़ रही है।
2017 के गठबंधन की टीस अभी तक
2017 में यूपी में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था लेकिन नतीजों में कांग्रेस को तो नुकसान हुआ ही, सपा को भी शर्मनाक हार झेलनी पड़ी। इस चुनाव में 298 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार उतारे तो 105 सीटें कांग्रेस के खाते में आईं। हालांकि नतीजों में कांग्रेस 10 सीटों के अंदर ही सिमट गई और वोट शेयर को भी बड़ी चोट लगी।
दहाई का आकंड़ा भी न छू पाई थी कांग्रेस
2017 चुनाव में कांग्रेस को मात्र 7 सीटें हासिल हुई थीं। यानी 98 सीटों पर उसे मात मिली थी। इन नतीजों के साथ यूपी में कांग्रेस पांचवें नंबर की पार्टी बनकर रह गई थी। यहां तक कि अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) को उससे ज्यादा (12) सीटें मिली थीं। कांग्रेस के साथ गठबंधन से सपा को भी बड़ा नुकसान हुआ था। पहली बार यूपी में पार्टी 100 का आंकड़ा भी न छू पाई थी। 2017 में अखिलेश की सपा को 47 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।
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