दिल्ली। आर्थिक अपराध शाखा ने एक प्राइवेट कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर को 13.65 करोड़ रुपये गबन के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फर्जीवाड़ा कर कंपनी की नेट बैंकिंग की सुविधा ले ली। असली विक्रेताओं से मिलते-जुलते वेंडरों के नाम पर फर्जी खाते खोल कर ठगी को अंजाम दिया। पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के दो फ्लैट और दो दुकानों के दस्तावेज के अलावा दो लग्जरी कारें जब्त की हैं।
एल्डेको ग्रुप ऑफ कंपनीज ने इसी साल अपने असिस्टेंट मैनेजर शुभम सक्सेना पर कंपनी के करोड़ों रुपये के गबन की शिकायत की। आरोपी 2009 से कंपनी के अकाउंट डिपार्टमेंट में कार्यरत था। आरोपी फर्जी फर्मों के खातों के जरिए से पैसे को निजी खाते में ट्रांसफर किया। धोखाधड़ी का पता अगस्त में चला, जब एक फर्म को दो बार भुगतान हो गया है।
गड़बड़ी को देखते हुए कंपनी ने इंटरनल जांच करवाई। इसमें पता चला कि शुभम ने कंपनी के वास्तविक विक्रेता फर्मों के नाम से मिलती-जुलती कंपनियों के नाम से फर्जी खाता खोलकर पैसे ट्रांसफर कर दिए। फर्जी बोर्ड प्रस्ताव के आधार पर कंपनी की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा हासिल कर ली।
जांच में पुलिस ने कई कंपनियों के बैंक खातों की जांच की। पता चला कि 13.65 करोड़ रुपये इंटरनेट बैंकिंग के जरिए ट्रांसफर किए गए हैं। यह आरोपी के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर रजिस्टर है। आरोपी 2009 से कंपनी के अकाउंट डिपार्टमेंट में कार्यरत था। जाली बोर्ड प्रस्ताव से कंपनी के इंटरनेट बैंकिंग तक पहुंच प्राप्त की और फर्जी वेंडरों के नाम से फर्जी बिल बनवाकर उसे मंजूर भी करवाया। पैसे लेने के बाद फर्जी वेंडरों के दस्तावेजों को नष्ट कर देता था।
अडिशनल पुलिस कमिश्नर आरके सिंह ने बताया कि सोमवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि कंपनी से पैसे का गबन करने के बाद लग्जरी लाइफ जी रहा था। गबन की राशि को आरोपी ने सैलून और रिहायशी मकानों में लगाया। पुलिस ने उसके ग्रेटर नोएडा के दो फ्लैट और दो दुकानों के दस्तावेज के अलावा हुंडई क्रेटा और मारुति सियाज कार जब्त की है।
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