नई दिल्ली/पटना। पटना के गांधी मैदान में 27 अक्तूबर, 2013 को पीएम नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल बम ब्लास्ट में आज एनआइए कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। एनआईए कोर्ट ने 4 को फांसी की सजा और 2 को उम्र कैद की सजा सुनाई है वहीं 2 अन्य दोषियों को 10-10 साल की सजा दी गई है और 1 दोषी को 7 साल की सजा दी गई है।
27 अक्टूबर 2013 को हुए पटना सीरियल ब्लास्ट में ठीक 8 साल बाद 27 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने फैसला सुनाया था। बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के मामले में आठ साल बाद फैसला देते हुए कोर्ट ने 9 आरोपियों को दोषी ठहराया। एक आरोपी फखरुद्दीन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया, हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान व पटना रेलवे जंक्शन पर सिलसिलेवार बम विस्फोट किया गया था। जिसमें 10 लोगों की मौत हो गयी थी और सैंकड़ों लोग घायल हो गये थे।
पटना में हुए बम ब्लास्ट का केस गांधी मैदान व पटना रेल थाने में दर्ज किया गया था। बाद में इस केस को एनआइए को सौंप दिया गया था। इस ब्लास्ट कांड में कुल 11 आरोपित बनाये गये थे।एक आरोपित नाबालिग होने की वजह से अलग से उसके मामले में सुनवाई की गयी। एनआइए ने 10 अभियुक्तों के खिलाफ 22 अगस्त, 2014 को आरोप पत्र दाखिल किया था।
पटना बम ब्लास्ट मामले में दोषी पाए गए नौ आतंकियों में रांची के छह, यूपी के एक और रायपुर के दो हैं। रांची के इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम, हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ करिया उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नुमान अंसारी, इफ्तिखार आलम, फिरोज आलम उर्फ फिरोज असलम और मोजिबुल्लाह अंसारी के अलावा रायपुर के उमर सिद्दीकी, अजहरूद्दीन और यूपी मिर्जापुर के अहमद हुसैन को सजा सुनाई गई।
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