गाजियाबाद। आज 1 नवम्बर यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर ध्रुवलाल यादव और कांस्टेबल राजेश यादव की 27वीं पुण्यतिथि है। 1994 में जैश-ए-मोहम्मद संगठन के आतंकियों से लड़ते हुए दोनों पुलिसकर्मी आज के ही दिन शहीद हुए थे।
पुलिस इंस्पेक्टर ध्रुवलाल यादव की 1994 में प्रभारी निरीक्षक थाना साहिबाबाद के रूप में हुई थी। आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से जुड़ा मौलाना मसूद अजहर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था। उसे छुड़ाने के लिए लश्कर ने पांच ब्रिटिश और एक आस्ट्रेलियन नागरिक का राजधानी दिल्ली से अपहरण किया गया था। यह पता चलने पर कि विदेशी नागरिकों को जनपद सहारनपुर की मंडी थाने के अंतर्गत किसी भवन में बंधक बनाया गया है। आस्ट्रेलियन नागरिक की हत्या कर उसके फोटो प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिए गए थे, तब इस अपहरण का खुलासा हुआ था। तब गाजियाबाद में रोहित शर्मा के नाम से रह रहे और पुलिस के हत्थे चढ़ा अहमद सईद शेख उर्फ से जानकारी मिली थी कि अपहृत विदेशी नागरिकों को सहारनपुर के खाताखेड़ी में रखा गया था।
जोखिम को देखते हुए अधिकारियों ने इस टास्क की कमान इंस्पेक्टर ध्रुवलाल यादव को दी। जिसके बाद ध्रुवलाल यादव ने 11 जनवरी, 1994 को सहारनुपर में छापा मारा इस दौरान मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ध्रुवलाल यादव और उनके साथी कांस्टेबल राजेश यादव शहीद हो गए थे। हालांकि विदेशी नागरिकों को पुलिस ने सकुशल मुक्त करा लिया। इसमें एक आतंकी भी मारा गया था।
ध्रुवलाल की याद में मोहन नगर चौराहे पर पार्क भी विकसित किया गया था। इस शहादत के लिए भारत में ब्रिटेन के हाईकमीशन ने शहीदों के परिजनों को हाउस ऑफ लार्ड्स (ब्रिटिश संसद) का अनुदान प्रदान किया था। बाद में दोनों शहीदों को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
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