गाजियाबाद/नोएडा। नोएडा फेस-3 पुलिस ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में तैनात 4 पुलिसकर्मियों और उनकी मदद करने वाले दो अन्य लोगों के खिलाफ जबरन वसूली करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने सूदखोरों को 5-5 लाख रुपये के दो चेक दिलवाए। तब जाकर चाचा-भतीजों को थाने से छोड़ा था।
नोएडा में सेक्टर-68 गढ़ी चौखण्डी निवासी लीलू डीएमसी में सफाईकर्मी है। बेटी की शादी के लिए लीलू ने साल-2018 में साढ़े चार लाख रुपये वहीं के राजिंद्र यादव और अमित से उधार लिए थे। बकौल लीलू, वह सारा रुपया चुकता कर चुके हैं। लीलू के अनुसार, 23 अक्तूबर की सुबह करीब सवा आठ बजे कार से राजिंद्र और अमित उनके घर पर आए। जबकि बुलेरो गाड़ी से चार वर्दीधारी पुलिसकर्मी आए।
राजिंद्र-अमित के कहने पर पुलिसकर्मियों ने लीलू, उनके भाई सलेखचंद और भतीजे जितेंद्र को गाड़ी में डाल लिया। वह तीनों को गाजियाबाद के थाना इंदिरापुरम ले आए। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने चाचा-भतीजों पर गाड़ी या घर के कागजात लाने या फिर पांच-पांच लाख रुपये के दो चेक देने का दबाव डाला। ऐसा न करने पर उन्हें कोई मुकदमा लगाकर जेल भेजने की धमकी दी। लीलू के अनुसार, चौकी से पुलिसकर्मी उनके घर पर गए। दो खाली चेक लेकर आए। थाने पर पांच-पांच लाख रुपये की रकम भरवाकर लीलू से हस्ताक्षर करवाए गए। तब जाकर उन्हें 23 सितंबर की शाम करीब साढ़े छह बजे छोड़ा।
थाना इंदिरापुरम से छूटने के बाद लीलू ने अपने भाई और भतीजे के साथ मिलकर नोएडा थाना फेस 3 में एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया। जिसके आधार पर राजेन्द्र यादव, अमित यादव और 4 अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ गलत तरीके से जबरन लाने और वसूली के आरोप में आइपीसी की धारा 342, 384 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इस मुकदमे की जांच इंस्पेक्टर विवेक त्रिवेदी खुद कर रहे हैं।
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