नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रही संयुक्त किसान मोर्चा ने योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। मोर्चे ने यह फैसला योगेंद्र यादव के लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के घर जाने के बाद लिया है। योगेंद्र यादव के शुभम मिश्रा के घर जाने के तुरंत बाद से पंजाब में किसान यूनियनें उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगी थीं।
यूपी के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन में हिंसा के बाद शुमम मिश्रा की मौत हुई थी। योगेंद्र यादव लखीमपुरखीरी हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के घर गए थे। 12 अक्टूबर को उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से घर जाने की तस्वीर भी शेयर की है। योगेंद्र यादव ने ट्वीट में कहा है ‘शहीद किसान श्रद्धांजलि सभा से वापिसी में बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गए। परिवार ने हम पर गुस्सा नही किया। बस दुखी मन से सवाल पूछे: क्या हम किसान नहीं? हमारे बेटे का क्या कसूर था? आपके साथी ने एक्शन रिएक्शन वाली बात क्यों कही? उनके सवाल कान में गूंज रहे हैं!’
योगेंद्र यादव की ओर से बीजेपी कार्यकर्ता के घर जाना के कदम से पंजाब के कुछ किसान संगठन नाराज चल रहे थे। जिसके बाद अब किसान मोर्चा ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। किसान आंदोलन में योगेंद्र यादव काफी एक्टिव रहे हैं और कई जगह उन्होंने सभाओं को भी संबोधित किया है।
वहीं निलम्बित होने के बाद निलंबित होने के बाद क्या है योगेंद्र यादव ने कहा कि मेरे निष्कासन की वजह यह है कि लखीमपुर खीरी मैं शहीद किसानों की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने के बाद मैं उनमें से एक भाजपा कार्यकर्ता के घर शोक व्यक्त करने चला गया था, जिसकी उस दिन मौत हुई थी। मुझे वहां जाने से पहले अपने साथियों की राय लेनी चाहिए थी। मैं ऐसा नहीं कर पाया। इसलिए मैंने आज की बैठक में खेद भी व्यक्त किया है, मगर जहां तक नीति और सिद्धांत की बात है तो मेरा स्टैंड स्पष्ट है। मेरा मानना है कि इंसानियत का तकाजा है कि हम हर किसी के शोक में शरीक हों, अपने विरोधियों के शोक में भी। मेरी नीति की समझ भी यही कहती है की नैतिक मानदंडों को बनाए रखने से आंदोलन कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होता है। मैं इस सजा को खुशी से स्वीकार करता हूं क्योंकि मोर्चा किसी भी व्यक्ति से बड़ा है।
कौन हैं योगेंद्र यादव
योगेंद्र यादव एक सामाजिक कार्यकर्ता और चुनाव विश्लेषक हैं। वह साल 2015 तक आम आदमी पार्टी के सदस्य रहे लेकिन इसी साल उन्हें आप से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्होंने प्रशांत भूषण के साथ मिलकर स्वराज अभियान संगठन की स्थापना की थी। ये संगठन भारतीय किसानों की गंभीर समस्याओं के मुद्दों पर काम करता है।
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को जिले के तिकोनिया इलाके में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आशीष को नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में अब तक 10 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं, लखीमपुर खीरी की एक स्थानीय अदालत ने मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों की तीन दिन की पुलिस हिरासत की अर्जी गुरुवार को मंजूर कर ली। इन आरोपियों में सुमित जायसवाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट और शिशुपाल शामिल हैं।
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