गाजियाबाद। साहिबाबाद के डीएलएफ कॉलोनी में एक बिल्डर ने अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मृतक के पास से सात पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में मृतक ने पैसों के लेनदेन को लेकर दो लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।
मूलरूप से मेरठ के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार डीएलएफ कॉलोनी ए ब्लॉक में 2 साल से पत्नी मोनिका और बेटे लक्की के साथ तीन मंजिला मकान रहते थे। ऊपर की दो मंजिलें किराये पर दे रखी थीं। मंगलवार दोपहर को पड़ोसी ने घर के दरवाजे खुले होने पर इसकी सूचना उनके भाई दीपक को दी। खुदकुशी के वक्त घर में परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। उस वक्त मोनिका अपने छोटे बेटे लक्की को साथ लेकर फरीदाबाद में मायके गई हुई थी। राजनगर एक्सटेंशन से दीपक मौके पर पहुंचे तो उन्हें कमरे में धर्मेंद्र पंखे पर लटके मिले। इसके बाद उन्होंने भाभी मोनिका और परिवार के अन्य सदस्यों को जानकारी दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिवार को सौंप दिया। पुलिस को मृतक के पास से सात पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है।
बिल्डर धर्मेंद्र कुमार ने अपने सुसाइड में लिखा है कि ‘मैं धर्मेंद्र कुमार अपनी जिंदगी को खत्म कर रहा हूं। प्रशासन से यह उम्मीद करता हूं कि मुझे न्याय मिलेगा। मैंने नरेश और और प्रवीण से कर्ज लिया था। वे मेरे फ्लैट का बदमाशी से एग्रीमेंट कराना चाहते थे। मैंने उन्हें अपना सोना बेचकर पैसे दिए लेकिन उनका पेट नहीं भर रहा था। वो मुझे इतना टॉर्चर ( ब्लैकमेल) कर रहे थे कि मेरी पत्नी को और मुझे मार देंगे। उनके पास अवैध हथियार भी हैं। वे कहते थे कि तेरी पत्नी को जेल करा देंगे तेरे बच्चों को मार देंगे। मेरा परिवार मुझे बहुत प्यार करता है शायद मैं उनके अनुरूप उन्हें निराश कर रहा हूं। मुझे माफ कर देना। उन्हें किसी कारण भी परेशान ना किया जाए। मेरी फाइल सोडी के पास है, प्लीज मेरे किसी फ्रेंड को परेशान मत करना।’
मोनिका ने बताया कि धर्मेंद्र ने 2 साल पहले लोनी के रिस्तल गांव निवासी नरेश और प्रवीण से किसी काम के लिए 3 लाख रुपये का कर्जा लिया था। आरोप है कि दोनों 10 प्रतिशत प्रति माह का ब्याज वसूलने के बावजूद धर्मेंद्र पर लगातार दबाव बना रहे थे। इतना ही नहीं, दोनों सूदखोर घर पर आकर धर्मेंद्र से बदतमीजी भी करते थे।
इस घटना के बाद पत्नी परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल है, दोनों सूदखोरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। सीओ साहिबाबाद आलोक दुबे ने बताया कि मृतक के परिजनों ने मामले में अभी तक तहरीर नहीं दी है। तहरीर आने पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
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