चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सरकार को आगाह करने को कहा है। सिद्धू ने पत्र में 13 मुद्दों को उठाया है । नवजोत सिंह सिद्धू ने इसे रविवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया। दो-तीन दिन पहले ही राहुल गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस पद से इस्तीफा वापस ले लिया था। हालांकि, अब सिद्धू ने सोनिया गांधी को खुली चिट्ठी लिखकर नया बवाल पैदा कर दिया है।
सिद्धू ने लिखा कि कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल किया। वह पिछले विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए 55 विधानसभा सीटों पर गए, जिनमें से 53 पर कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने एक विधायक, मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष के रूप में हाईकमान द्वारा तय एजेंडे पर काम किया। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखा कि पंजाब के पुनरुत्थान के लिए यह आखिरी मौका है। पंजाब के दिल के मुद्दे, जिन्हें आपने (सोनिया गांधी) भली-भांति समझा और पिछले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को 18 सूत्रीय कार्यक्रम दिया। यह मुद्दे आज भी इतने ही प्रासंगिक हैं। पत्र में सिद्धू ने इन प्रमुख मुद्दों को उठाया है।
साथ ही सिद्धू ने इन मुद्दों पर चर्चा के लिए सोनिया से मिलने का समय भी मांगा है। सिद्धू ने चिट्ठी में खुद को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बतात हुए कहा कि उनके पास सरकार पर नजर रखने की जिम्मेदारी है।
1. बेअदबी मामले में न्याय: पंजाब के लोग गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और कोटकपूरा और बहिबल कलां में पुलिस फायरिंग की घटनाओं के मुख्य दोषियों को सजा देकर पंजाब की आत्मा के लिए न्याय की मांग करते हैं।
2. नशा : पंजाब की लगभग पूरी पीढ़ी पर नशे का खतरा मंडरा रहा है। इस तरह की समस्या के समाधान के लिए कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी के पीछे एसटीएफ रिपोर्ट में उल्लेखित बड़ी मछली को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
3. कृषि:- कृषि पंजाब की रीढ़ है, और जैसा कि हम सभी केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करते हैं। पंजाब को इन कानूनों को पूरी तरह से खारिज कर देना चाहिए। जैसा कि हमने एसवाईएल के मामले में किया था, आज इस तरह के कड़े संकल्प की जरूरत है।
4. बिजली: सभी घरेलू उपभोक्ताओं, विशेष रूप से शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती और 24 घंटे बिजली की आपूर्ति दी जानी चाहिए। हमें सभी घरेलू उपभोक्ताओं को निश्चित बिजली सब्सिडी देनी चाहिए, चाहे वह बिजली की कीमत घटाकर 3 रुपये प्रति यूनिट हो या सभी को 300 यूनिट मुफ्त बिजली।
5. बिजली खरीद समझौते (पीपीएएस) पर श्वेत पत्र जारी करना और देश में वर्तमान कोयले की कमी पर विचार करने के साथ-साथ हमारे द्वारा किए गए सभी दोषपूर्ण पीपीए को रद करना। सस्ते सौर ऊर्जा पर विशेष ध्यान देना और ग्रिड से जुड़े रूफ-टाप और संस्थागत सौर को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाना।
6. अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति कल्याण: सरकार में वंचितों को अधिक आवाज देने के लिए दलित मुख्यमंत्री की नियुक्ति के हाईकमान के प्रगतिशील निर्णय के बाद भी, इसे राज्य में समान रूप से समर्थन नहीं किया गया है। कम से कम एक मजहबी सिख, दोआबा के दलितों को प्रतिनिधित्व, पिछड़ी जाति समुदाय के कम से कम दो प्रतिनिधि मंत्रिमंडल में होने चाहिए थे। आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए 25 करोड़ का विशेष पैकेज। हमें अनुसूचित जाति के लिए 5 मरला भूखंड, प्रत्येक दलित परिवार के लिए पक्के सीलिंग के लिए पैसा, भूमिहीन गरीबों को कृषि भूमि, जिम्मेदारी तय करने और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शुरू करने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए, जबकि दलित छात्रों को उनकी शिक्षा के लिए बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए।
7. रोजगार:- कर्मचारी संघों की शिकायतों को दूर करने के साथ-साथ हजारों रिक्त सरकारी पदों को नियमित आधार पर भरना।
8. सिंगल विंडो सिस्टम को और सुगम बनाना, ताकि रोजगार सृजन के साथ निवेश को बढ़ावा मिले।
9. महिला और युवा सशक्तिकरण : पंजाब को युवाओं को सशक्त बनाने और शासन में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए एक युवा नीति लानी चाहिए। खेल, कौशल विकास और स्टार्टअप संस्कृति पर बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और सक्षम करने पर जोर दिया जाना चाहिए।
10. शराब: पंजाब को राज्य में शराब व्यापार पर एकाधिकार करना चाहिए, इसे राज्य द्वारा संचालित निगम के तहत लाना चाहिए।
11. खनन: रेत खनन कुछ शक्तिशाली लोगों के लिए नहीं, इसका खनन लोगों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। हमें मुफ्त रेत के जाल में नहीं फंसना चाहिए, और इसे माफिया मुक्त करना चाहिए।
12. परिवहन: पंजाब में किसी भी सार्वजनिक निवेश से सबसे अधिक संख्या में नौकरियां पैदा करके रोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ एक अच्छी तरह से प्रबंधित सार्वजनिक परिवहन से हजारों करोड़ कमाने की क्षमता है। हमारे वर्तमान परिवहन मंत्री पहले से ही कुशलता से काम कर रहे हैं और हमें पंजाब की सड़कों पर चलने वाली 13,000 अवैध या बिना परमिट बसों को हटाकर, पंजाब के युवाओं को परमिट जारी करके, पीआरटीसी के तहत लाभदायक मार्गों को लाकर, पीआरटीसी की लग्जरी बसों को बादल की बसों जगह लेना चाहिए।
13. केबल माफिया: राज्य के राजस्व में वृद्धि करते हुए, राज्य में बादल द्वारा चलाए जा रहे केबल माफिया की रीढ़ की हड्डी को तोड़ने के लिए “पंजाब मनोरंजन और मनोरंजन कर (स्थानीय निकायों द्वारा लेवी और संग्रह) विधेयक 2017” का कार्यान्वयन। हजारों नौकरियों के लिए अवसर पैदा करना।
बता दें कि पंजाब में विधानसभा चुनावों में अब 6 महीने भी नहीं बचे और कांग्रेस आपसी कलह से ही पार नहीं पा रही। चन्नी सरकार बनने के एक हफ्ते के अंदर ही सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था। सिद्धू राज्य के डीजीपी और महाधिवक्ता की नियुक्ति को लेकर चन्नी सरकार से खफा थे, जिसको वजह बताते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया। नवजोत सिंह सिद्धू को इसी साल जुलाई में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
दो दिन पहले ही राहुल गांधी से लंबी मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा था कि सबकुछ सुलझ गया है। हालांकि, अब सिद्धू की चिट्ठी से साफ हो गया है कि राहुल गांधी भी उनकी नाराजगी को दूर नहीं कर सके और सिद्धू भी अपने तेवर कम करने के मूड में नहीं हैं।
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