नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए समग्र योजना को संस्थागत रूप देकर विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के मुद्दे के समाधान को लेकर पीएम गतिशक्ति- राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की। मोदी ने योजना के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी, कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाना और आवाजाही तेज करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक कार्यक्रम में ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना’ की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज दुर्गाष्टमी है, पूरे देश में आज शक्ति स्वरूपा का पूजन हो रहा है। शक्ति की उपासना के इस पुण्य अवसर पर देश की प्रगति की गति को भी शक्ति देने का शुभ कार्य हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत की गति को शक्ति देगा। अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर और ‘मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी’ को इस राष्ट्रीय योजना से गति शक्ति मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से सभी प्रोजेक्ट अब तय समय पर पूरे होंगे और टैक्स का एक भी पैसा बर्बाद नहीं होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले सरकारी अधिकारी ‘कार्य प्रगति पर है’ का बोर्ड लगा देते थे और काम लटका ही रह जाता था। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के चलते प्रोजेक्ट को पूरा होने में काफी वक्त लग जाता था और पैसे का भी दुरुपयोग होता था। पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम, अगले 25 वर्षों के भारत की बुनियाद रच रहे हैं। पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान, भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है।
जानें क्या है यह मास्टर प्लान
प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है। इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं। इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या साल 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको गति शक्ति योजना के तहत डाल दिया जाएगा। इस योजना से करीब 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का उद्देश्य औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ एयरपोर्ट, नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातायात की व्यवस्था को दुरुस्त करना है।
इन 6 स्तंभों पर आधारित है यह योजना
सभी विभागों को एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से एक-दूसरे की परियोजनाओं का पता चलेगा और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। पीएमओ ने कहा कि गतिशक्ति परियोजना व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, समकालीन और विश्लेषणात्मक तथा गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है। यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा।
यह देखते हुए कि विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी सहित कई मुद्दों से देश में दशकों से बुनियादी ढांचे का निर्माण प्रभावित हुआ, पीएमओ ने भूमिगत केबल बिछाने, गैस पाइपलाइन जैसी गतिविधियों के लिए अन्य एजेंसियों द्वारा खोदी जा रही नव-निर्मित सड़कों का उदाहरण दिया। पीएमओ ने कहा, ”इससे न केवल बड़ी असुविधा होती है बल्कि यह एक फिजूलखर्ची भी है।” साथ ही कहा कि समन्वय में सुधार के लिए उपाय किए गए हैं। अलग से योजना बनाने और डिजाइन करने के बजाय परियोजनाओं को अब एक सामान्य दृष्टि से डिजाइन और निष्पादित किया जाएगा और इसमें भारतमाला, सागरमाला और अंतरदेशीय जलमार्ग जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाएं शामिल होंगी। पीएमओ ने कहा कि टेक्सटाइल क्लस्टर, फार्मास्युटिकल क्लस्टर, रक्षा गलियारा, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, औद्योगिक गलियारा, फिशिंग क्लस्टर और एग्री जोन जैसे आर्थिक क्षेत्रों को कनेक्टिविटी में सुधार और भारतीय व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कवर किया जाएगा।
बुनियादी ढांचों के विकास में बड़ा कदम
मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के एक साधन से दूसरे मोड में आवाजाही के लिए एकीकृत और निर्बाध संपर्क प्रदान करेगी। यह बुनियादी ढांचे की अंतिम गंतव्य कनेक्टिविटी की सुविधा और लोगों के लिए यात्रा के समय को भी कम करने में सहायक होगी। यह आगामी कनेक्टिविटी परियोजनाओं, अन्य व्यावसायिक केंद्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और आसपास के वातावरण के बारे में लोगों और व्यावसायिक समुदाय की जानकारी प्रदान करेगी। निवेशकों को उपयुक्त स्थानों पर अपने व्यवसाय की योजना बनाने में भी मदद मिलेगी।
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