गाजियाबाद। नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण नहीं करने वाली एक हजार सोसाइटी, फैक्ट्रियों, बैंक्वेट हॉल और होटलों पर शिकंजा कसा है। इन्हें 20 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक जुर्माने का नोटिस भेजा गया है। नगर निगम ने यह कदम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बाद उठाया है। जुर्माना लगने के बाद भी यदि कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट नहीं लगाया जाता तो इसकी जानकारी एनजीटी में दी जाएगी।
शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए नगर निगम के दावे फेल हैं। हालात ये हैं कि कहीं पर कूड़ा उठाने वाली गाड़ी कई-कई दिनों तक नहीं जाती है तो कहीं पर बिलकुल भी नहीं पहुंच रही है। निगम घरों से कूड़ा उठाने के बाद सड़कों पर डाल रहा है। सड़कों पर कूड़ा पड़ा होने से दुर्गंध फैल रही है। लोगों का बुरा हाल है। शहर से रोजाना 1200 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। नगर निगम इसका सही तरह से निस्तारण नहीं कर पा रहा है। इस कारण कूड़ा सड़कों पर पड़ा रहता है।
एनजीटी ने पिछले दिनों नगर निगम से कूड़ा प्रबंधन की जानकारी मांगी। एनजीटी की सख्ती के बाद निगम अधिकारी हकरत में आए। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने उन सभी सोसाइटी, फैक्ट्रियों, बैंक्वेट हॉल और होटल पर जुर्माना लगाना शुरू कर दिया, जहां रोजाना 100 किलो से ज्यादा कूड़ा निकलता है और उसके निस्तारण के लिए प्लांट नहीं लगे हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश कुमार ने बताया कि सिटी जोन में 62, मोहननगर में 83, विजयनगर में 49, कविनगर में 76 और वसुंधरा जोन में 166 फैक्ट्रियों पर जुर्माना लगाया है। इसके अलावा 532 सोसाइटी, बैंक्वेट हॉल और होटल पर भी जुर्माना लगाया है। सभी पर 20 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। पुलिस की मदद से जुर्माना राशि वसूली जाएगी।
वहीं सड़क पर कचरा फेंकने या जलाने पर निगम अब 20 हजार रुपये का जुर्माना वसूलेगा। कोई व्यक्ति यदि कचरा फेंकते हुए पकड़ा गया तो उस पर यह कार्रवाई होगी। निगम में साढ़े चार हजार सफाई कर्मचारी हैं। निगम की तरफ से सभी सफाई कर्मचारियों और निरीक्षकों को नजर रखने का आदेश दिया गया है।
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