प्रोस्टेट कैंसर: जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

कैंसर कई प्रकार का होता है। कुछ कैंसर ऐसे होते हैं जो महिला हों या पुरुष किसी में भी हो सकते हैं। जबकि कुछ कैंसर ऐसे होते हैं, जो आमतौर पर महिलाओं या पुरुषों में ही देखे जाते हैं। जैसे महिलाओं में सबसे अधिक ब्रेस्ट कैंसर के केस देखने को मिलते हैं, वैसे ही सिर्फ पुरुषों की बात करें तो उनमें प्रोस्टेट कैंसर के केस काफी तेजी बढ़ रहे हैं। इसकी चपेट में आने पर यदि शुरुआत में ही पता लग जाए औैर उपचार शुरू हो जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है।

प्रोस्टेट ग्लैंड यानी पीयूष ग्रंथि में होनेवाला कैंसर प्रोस्टेट कैंसर कहलाता है। पीयूष ग्रंथि अखरोठ के आकार की एक ग्रंथि या ग्लैंड होती है। यह ग्रंथि शुक्राणुओं यानी स्पर्म को एनर्जी और फोर्स देती है। यानी इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि पीयूष ग्रंथि शुक्राणुओं को भोजन और गति प्रदान करती है। प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है और फिर पूरी प्रोस्टेट ग्रंथि में फैल जाता है। विकसित होने की गति के आधार पर प्रोस्टेट कैंसर को दो भागों में बांटा जा सकता है। पहला, एग्रेसिव या फास्ट ग्रोइंग और दूसरा, नान-एग्रेसिव या स्लो ग्रोइंग। नान-एग्रेसिव या स्लो ग्रोइंग बहुत धीमी गति से विकसित होता है, जबकि एग्रेसिव या फास्ट ग्रोइंग बहुत तेजी से विकसित होता है और कई बार शरीर के दूसरे भागों में भी फैल जाता है।

साल 2019 के अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुमान के मुताबिक हर साल प्रोस्टेट कैंसर के लगभग 174,650 नए मामलों के निदान हो रहे हैं जिसमें से 31 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। हर 9 में से 1 पुरुष को प्रोस्टेट कैंसर का खतरा होता है वहीं हर 41 में से यह एक की मौत का कारण बन सकता है। यह कैंसर तब विकसित होता है, जब प्रोस्टेट की कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन आ जाता है। इससे कोशिकाओं में गुणात्मक वृद्धि होने लगती है। यह असामान्य कोशिकाएं इकट्ठी होकर ट्यूमर का निर्माण करती हैं। ऐसे में असामान्य कोशिकाएं शरीर के दूसरे भागों तक पहुंच जाती हैं।

वजह
पीयूष ग्रंथि में कैंसर कई अलग-अलग कारणों से हो सकता है। लेकिन इसमें मोटापा और अनुवांशिक तौर पर होने के कारण अधिक होते हैं। यानी जिनकी फैमिली में किसी को इस तरह का कैंसर रहा हो, उन्हें अपनी सेहत और रेग्युलर चेकअप्स को लेकर सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोगों में यह कैंसर पनपने का खतरा सामान्य लोगों से कहीं अधिक होता है।

लक्षण
डॉक्टरों के मुताबिक प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती चरणों के दौरान अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, हालांकि स्क्रीनिंग के माध्यम से कैंसर का पता लगाया जा सकता है। जिन पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होता है, उनमें निम्न प्रकार के लक्षण देखे जा सकते हैं।
पेशाब करने में कठिनाई।
रात के समय में बार-बार पेशाब की इच्छा होना।
मूत्र या वीर्य के साथ रक्त आना। 
पेशाब करते समय दर्द।
अगर प्रोस्टेट बढ़ गया है तो बैठने में दर्द होना। 
कमर में तेज दर्द। 
वजन कम होना और थकान महसूस होना।

बचाव
ज्यादातर बीमारियों से बचने के लिए जिन उपायों की सलाह दी जाती है, प्रोस्टेट कैंसर के मामले में भी वही नियम लागू होते हैं। आप ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। कम से कम फास्ट फूड खाएं। अधिक मैदा और चीनी युक्त पदार्थ लेने से बचें। रात को खाना खाते ही सोने ना जाएं। कुछ देर धीमे कदमों से जरूर टहलें। सोने से कम से कम 2 घंटे पहले खाना खा लें।अगर ऊपर बताए गए लक्षण आप महसूस कर रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आपकी स्थिति के आधार पर ही आपके डॉक्टर आगे की चिकित्सा का निर्णय करेंगे।

उपचार
डॉक्टर इस रोग के लिए कुछ जांच करते हैं। इनमें डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन, प्रॉस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन,बायॉग्रफी, अल्ट्रासोनोग्रफी जैसे टेस्ट शामिल है। यदि ट्यूमर तेजी से विकसित होता है तो चिकित्सक सर्जरी के द्वारा इसे निकाल देते हैं। इसमें ट्यूमर के आसपास के कुछ स्वस्थ ऊतकों को भी निकाल दिया जाता है, जिससे ट्यूमर के दोबारा विकसित होने की आशंका कम हो जाती है।

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