नई दिल्ली। देश में कोयले की अपर्याप्त आपूर्ति के मद्देनजर कुछ हिस्सों में बिजली की कमी की आशंकाओं के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समीक्षा बैठक की। सोमवार को ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी इस मुद्दे पर मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे। दोनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनके मंत्रालयों के अफसर भी मौजूद थे।
कोयले की अपर्याप्त सप्लाई के कारण देश के कई हिस्सों में बिजली की कमी की चिंताओं के बीच शाह की यह मुलाकात हुई है। बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि सिंह और जोशी ने गृह मंत्री को देश में कोयले की आपूर्ति और बिजली की वस्तु स्थिति से अवगत कराया।
वहीं राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, यूपी समेत कई राज्यों ने कोयले की कमी का हवाला देते हुए कहा है कि यदि संकट जारी रहा तो आने वाले दिनों में बिजली की आपूर्ति में कटौती की जा सकती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जितनी बिहार की ज़रूरत है उस हिसाब से या तो हमें एनटीपीसी से मिलता है या फिर प्राइवेट कंपनियों से लेते थे। इन कंपनियों से जितनी आपूर्ति का प्रावधान था, वह नहीं हो पा रही है। इसके चलते समस्या आई है।
इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ दावा करती है कि कोयले की कोई कमी नहीं है, दूसरी तरफ पॉवर प्लांट लगातार बंद होते जा रहे हैं। केंद्र सरकार जो दावा कर रही है उसमें कोई सच्चाई नहीं है। विदेश से जो कोयला आ रहा था वो भी बंद हो गया। केंद्र सरकार कर क्या रही है?
यही नहीं दिल्ली की आप सरकार ने तो इस मसले पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। रविवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि केंद्र सरकार इस संकट को उसी तरह टाल रही है, जैसे उसने ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर फोस नहीं किया था। हालांकि केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि भारत के पास अपने बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला भंडार है।
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